अजमेर. राज्य की सबसे पुरानी जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ स्कूल के अजमेर में हटुंडी गांव में स्थित हरिभाऊ उपाध्याय महिला शिक्षक महाविद्यालय में राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री की मिजाज कुर्सी कुछ ऐसी की गई कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षा की देवी मां सरस्वती से ऊंचा आसन मंत्री और अन्य अतिथियों को दिया गया. महाविद्यालय में मंत्री डॉ. रघु शर्मा इंडोर स्टेडियम एवं शिक्षक शिक्षा ब्लॉक के उद्घाटन के लिए आए थे.
शिक्षा के मंदिर में मां शारदे से ऊंचा चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा को दिया आसन समारोह में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा की आवभगत में लगा हरिभाऊ उपाध्याय महिला शिक्षक महाविद्यालय का प्रशासन और स्टाफ यह भी भूल गया कि शिक्षा के मंदिर में शिक्षा की देवी का स्थान सबसे ऊपर होता है. मंच पर संस्था के कार्यों एवं महिला शिक्षा की बड़ी-बड़ी बातें की गई. लेकिन मंच के नीचे शिक्षा की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा और संस्था एवं महाविद्यालय के संस्थापक जनार्दन राय नागर एवं हरिभाऊ उपाध्याय की तस्वीरों को ऊंचे मंच के नीचे स्थान दिया गया. जबकि मंत्री डॉ. रघु शर्मा, पूर्व विधायक धीरज गुर्जर, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के कुलाधिपति भंवर लाल गुर्जर, कुलपति एसएस सारंग देव सजी-धजी ऊंचे एवं बड़े मंच पर आसीन हुए.
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कमाल की बात यह रही कि मंच पर माता सरस्वती की प्रतिमा एवं जनार्दन राय विद्यापीठ स्कूल के संस्थापक जनार्दन राय एवं महाविद्यालय के संस्थापक हरिभाऊ उपाध्याय की तस्वीरों को मंच के किसी हिस्से में जगह नहीं दी गई. जबकि मंच पर चढ़ने से पहले मंच पर आसीन सभी अतिथियों ने शिक्षा की देवी मां सरस्वती और संस्था के संस्थापकों पर माल्यार्पण भी किया था. शिक्षा के मंदिर में शिक्षा की देवी को जो स्थान दिया गया, उस पर ना मंत्री की नजर गई और ना ही अन्य अतिथियों की. वहीं, मंत्री आवभगत से गदगद नजर आए तो महाविद्यालय प्रशासन मंत्री और अतिथियों की आवभगत में हाजिर नाजिर होकर लगा रहा.
वहीं, महाविद्यालय प्राचार्य उषा रानी शर्मा से जब माता सरस्वती की प्रतिमा को मंच के नीचे रखने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मंच पर जगह नहीं होने की वजह से ऐसा उन्हें करना पड़ा. उन्होंने कहा कि आगे से ऐसा ना हो इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा. उन्होंने माना कि मां सरस्वती के आशीर्वाद से मिली शिक्षा के बदौलत ही मंत्री एवं समस्त जन उच्च पदों पर आसीन है.