अजमेर.राजस्थान केशिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बुधवार को अजमेर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में थे. जहां उन्होंने बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली और सचिव अरविंद सेंगवा से विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की. इस दौरान डोटासरा बोर्ड कार्यालय में 12वीं विज्ञान वर्ग का परिणाम जारी करने आए थे. मंत्री डोटासरा ने बातचीत के दौरान कहा कि रीट परीक्षा की तिथि सरकार ने पूर्व रीट की वैलिडिटी को ध्यान में रखकर बढ़ाई है. 2 सितंबर को रीट परीक्षा आयोजन का सरकार ने निर्णय लिया है.
स्कूल संचालक फीस के लिए नहीं बना सकते दबाव: डोटासरा फिलहाल परीक्षा आयोजन के लिए परीक्षा एजेंसी का निर्णय नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि एनसीटी की गाइडलाइन के अनुसार रीट में कॉमर्स के विद्यार्थियों को शामिल करना है. साथ बीएड कर चुके विद्यार्थियों को लेवल वन की परीक्षा देने के लिए भी स्वीकृति देनी है. इसके लिए संशोधन होने हैं. इस मसले पर सीएम से अप्रूवल लेकर आगे बढ़ा जाएगा. डोटासरा ने बताया कि यह भर्ती पंचायती राज विभाग के लिए है. ऐसे में पंचायती राज विभाग के साथ बैठक करके निर्णय लिया जाता, लेकिन कोविड-19 के चलते बैठक नहीं हो सकी.
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'फीस के लिए अभिभावकों पर नहीं बना सकते दबाव'
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने निजी विद्यालयों की ओर से अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बनाए जाने के सवाल पर कहा कि स्कूल खोले जाने तक सरकारी और निजी विद्यालय के संचालक फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं बना सकते. इसके लिए आदेश सरकार ने जारी कर दिए हैं. डोटासरा ने कहा कि स्कूल खोले जाने पर अभिभावकों से कितनी फीस लेनी है, पाठ्यक्रम कितना होगा. संक्रमण की रोकथाम के लिए विद्यालय क्या उपाय करेंगे. इन तमाम पहलुओं पर सरकार विस्तृत से चर्चा कर गाइडलाइन जारी करेगी.
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डोटासरा ने बीजेपी पर कसा तंज
डोटासरा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि कोविड-19 को लेकर किए जा रहे कार्यों में राजस्थान सरकार देश में नंबर वन है, यह विपक्ष को पच नहीं रहा है. विपक्ष के पास कोई काम नहीं है लिहाजा ऐसे मुद्दे उठा रही है जिनका जवाब पहले ही विधानसभा में दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि 2 कक्षाओं के लिए राजस्थान सरकार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करने जा रही है. बीजेपी पर निशाना साधते हुए डोटासरा ने ये भी कहा कि पाठ्यक्रम को लेकर बीजेपी की मंशा में खोट है.
यही वजह है कि बीजेपी सरकार में आरएएस के एनजीओ विद्या भारती के पाठ्यक्रम को लागू करने के आदेश जारी किए गए. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार की पाठ्यक्रम को लेकर मंशा साफ है कि पाठ्यक्रम को लेकर विद्यार्थी वो पढ़े जो पूरे देश में पढ़ाया जा रहा है. सीबीएसई की तर्ज पर पाठ्यक्रम कम करने के सवाल पर उन्होंने बताया कि कक्षा एक से आठवीं तक RSCIT और 8वीं से 12वीं तक राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को आदेश जारी कर दिए हैं कि वह पाठ्यक्रम को कम करने को लेकर अपने सुझाव दें.