अजमेर.बुधवार को अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में महर्षि दयानंद सरस्वती के 137वें बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया.
राज्यपाल ने सामाजिक क्रांति के अग्रदूत महर्षि दयानंद सरस्वती विशेषक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा आचरण में सकारात्मकता लाने से ही समाज में विकृतियां दूर हो सकेगी. महर्षि दयानंद सरस्वती ने समाज में नैतिक मूल्यों को ज्योत प्रज्वलित की है. साथ ही राज्यपाल ने कहा कि स्वयं को ही श्रेष्ठ ना समझे. एक दूसरे को नीचा ना दिखाएं, गाली ना दें. हम नकारात्मक सोच को समाप्त करेंगे तो समाज में नव जागृति आएगी.
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मिश्र ने कहा कि महर्षि का अजमेर से बहुत जुड़ाव था. अजमेर में अनेक स्थानों पर महर्षि ने प्रवास पर लोगों में सामाजिक चेतना जगाई. महर्षि दयानंद ने विकृतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक वातावरण के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. संगोष्ठी में दयानंद आश्रम गुरुकुल गौतम नगर के अधिष्ठाता प्रणवानंद सरस्वती आचार्य सत्यजीत ने भी अपने विचार व्यक्त किए.
राज्यपाल ने बताया कि संगोष्ठी में विद्वानों के जो विचार निकल कर आएंगे. उससे विद्यार्थियों और आमजन को लाभ मिलेगा. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 4 नवंबर को सभी विश्वविद्यालय के कुलपति की बैठक होगी. जिसमें रिक्त पदों को लेकर भी चर्चा होगी. यूनिवर्सिटी में रिक्त पदों की वजह से विद्यार्थियों को अध्ययन में काफी नुकसान होता है.