राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

ट्रैफिक रेड सिग्नल : सिटी विजिट पर टीम ईटीवी भारत... अजमेर में तो भगवान भरोसे मिली यातायात व्यवस्था - सिटी विजिट पर टीम ईटीवी भारत

देश ही नहीं विदेशों में भी अजमेर की पहचान एक धार्मिक नगरी के रूप में है. यही वजह है कि पूरे देश और दुनिया से लोग अजमेर आते हैं. कहने को 4 सालों से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद की जा रही है, लेकिन बीते कई वर्षों में अजमेर के यातायात को सुधारने के लिए कोई काम नहीं हुआ है. हालांकि, एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण जारी है. लेकिन, उसके लिए भी अभी लोगों को 2 साल तक इंतजार करना पड़ेगा. इसी बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का सच जानने टीम ईटीवी भारत भी सिटी विजिट पर निकली. जिसमें साफ नजर आया कि यहां की ट्रैफिक व्यवस्था तो भगवान भरोसे ही चल रही है.

God trust traffic system in Ajmer, सिटी विजिट पर टीम ईटीवी भारत, अजमेर में भगवान भरोसे यातायात व्यवस्था

By

Published : Sep 22, 2019, 12:01 AM IST

अजमेर. राजस्थान के मध्य में खूबसूरत शहर अजमेर रियासत और अंग्रेजी हुकूमत के समय से ही राजाओं, बादशाहों के लिए पसंदीदा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह शहर की भौगोलिक स्थिति और यहां की नैसर्गिक सौन्दर्यता है. चारों ओर पाहड़ से घिरा अजमेर आज भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. समय बदलने के साथ ही अजमेर के भीतरी रिहायशी इलाके व्यावसायिक गतिविधियों से भी आबाद हो रहे है. जिसके चलते अजमेर में ट्रैफिक चलता नही, रेंगता है.

अजमेर में सिटी विजिट पर टीम ईटीवी भारत

दरअसल, यातायात नियमों को धत्ता बताते हुए संकरे क्षेत्रों में होलसेल की दुकानें, गोदाम, होटल, गेस्ट हाउस बन गए हैं. इसलिए यातायात का दबाव जीसीए सर्किल से स्टेशन रोड, गांधी भवन, कचहरी रोड तक तो गांधी भवन से बजरंगगढ़ तक सबसे ज्यादा रहता है. लोगों की आस्था के केंद्र दरगाह के अलावा छोटे-बड़े बाजार भी यहीं पर है. दूसरा सबसे बड़ा कारण यातायात में बाधा बने अजमेर के 5 सर्किल है, जो नियम विरुद्ध बने हुए है.

यह भी पढ़ें : 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में भाग लेने ह्यूस्टन पहुंचे पीएम मोदी का भव्य स्वागत

इन सर्किल का बड़ा आकार ही हर दिन जाम का कारण बनता है. स्थानीय जितेंद्र खेतावत की मानें तो अजमेर में यातायात की बदहाली का बड़ा कारण नियम विरुद्ध बने सर्किल है. शहर में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है. जब लोगों को सुगम यातायात की सुविधा नहीं मिलेगी तो यातायात नियम तो टूटेंगे ही. स्थानीय राजेंद्र ईनाणी ने बताया कि शहर में नियमविरुद्ध सर्किल व डिवाइडर के चलते पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से वाहन चालकों को सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं इन खामियों के चलते यातायात बाधित भी हो जाता है.

यह है अजमेर के गोद दिए बड़े सर्किल

अंबेडकर सर्किल, अजमेर क्लब चौराहा, अग्रसेन चौराहा, महावीर सर्किल, बजरंगगढ़ चौराहा, राजा साइकल चौराहा.

अजमेर में यातायात नियमों की पालना करवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस है. लेकिन शहर के विस्तार के हिसाब से जितनी नफरी होनी चाहिए, उतनी है नहीं. शहर में 70 यातायात पुलिस कर्मी है. इनमें ज्यादात्तर अफसरों की मिजाज पुरसी में तो कुछ दफ्तर में जमे हुए है. शहर में ट्रैफिक व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए फील्ड में कांस्टेबल की संख्या 25 से 30 के बीच है. जबकि अजमेर में 300 यातायात पुलिस कर्मियों की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें : सरकारी कर्मचारियों के लिए राजस्थान सरकार का फरमान...अगर शराब पीकर मां-बाप से साथ करोगे बदसलूकी तो आधा वेतन परिवार को

जाहिर है नफरी कम होने से यातायात नियमों की पालना करवाने और प्रबंधन में हर रोज दिक्कतें तो आएंगी ही. अजमेर के वाहनचालकों के नसीब में रोज लगने वाला जाम अब आम हो गया है. बावजूद इसके कम सिपाहियों की बदौलत ही यातायात पुलिस ने राजस्व बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. नियम तोड़ने पर लोगों से जुर्माना भी वसूला जाता है.

आपको बता दें कि वर्ष 2019-20 में अब तक यातायात नियम तोड़ने पर कुल 49420 चालान बनाए गए हैं. जबकि 2018 में 77126 चालान काटे गए थे. इनमें सबसे ज्यादा अजमेर में नॉन पार्किंग को लेकर जुर्माना वसूला गया है.

यातायात नियमों को तोड़ने पर बनाए गए चालान पर एक नजर : -

  • नॉन पार्किंग - 15675
  • हेलमेट - 9710
  • ओवर हाइट - 1270
  • मोबाइल फोन - 295
  • तेज गति - 852

अजमेर में ऐसे कई मार्ग भी है, जहां सबसे ज्यादा हादसे होते है. जिन्हें डेथ पॉइंट भी कहा जा सकता है. इनमें अशोक उद्यान से बस स्टैंड की सड़क के बीच बने डिवाइडर में इतने कट है कि हर कट हादसे का अंदेशा बना रहता है. इसी तरह ब्यावर रोड, जीसीए चौराहे से बकरा मंडी नसीराबाद घाटी से परबतपुरा पुलिया भी है.

अजमेर की यातायात पुलिस में इंस्पेक्टर सुनीता गुर्जर ने अजमेर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए. जिसके लिए राजनेताओं से पंगा भी मोल लिया. लेकिन जनता का समर्थन मिलने पर सुनीता गुर्जर के यातायात के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदम को आगे बढ़ पाए. सुनीता गुर्जर बताती हैं कि यातायात में बड़ी बाधा रोज लगने वाले जाम और बेतरतीब पार्किंग है. जहां लोगों को पैदल चलना हैं, वहा वाहनों की पार्किंग कर दी जाती है. जिससे चौड़ी सड़क भी संकरी हो जाती है.

तीसरा बड़ा कारण अजमेर में एजुकेटेड लोग ज्यादा है, लेकिन यातायात नियमों की पालना नहीं करते हैं. चौथा कारण बड़े सर्किल से वाहनों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न होना है. डेथ पॉइंट बने मार्गों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जहां हादसों को रोका जा सके.

बहरहाल, यातायात पुलिस की नियमों की पालना करवाने की अपनी मजबूरी है, लेकिन सबसे बड़ा मकसद यह होना चाहिए कि नागरिकों के लिए यातायात सुगम बनाया जाए. ताकि ट्रैफिक नियमों की पालना भी वास्तविक रूप में हो सके. महज चालान काटने से नियमों की पालना करवा पाना मुमकिन नहीं है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details