अजमेर. अजमेर में स्वतंत्रता सेनानी किशन अग्रवाल के निधन से शोक की लहर है. उनके पार्थिव शरीर का बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ पुष्कर रोड स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया (Freedom fighter last rites with state honour) गया. अग्रवाल शतायु पार हो गए थे.
अजमेर में स्वतंत्रता सेनानी किशन अग्रवाल के निधन पर उनके पार्थिव शरीर को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई. अग्रवाल का निधन मंगलवार रात्रि को उनके निवास स्थान पर हो गया था. स्वतंत्रता सेनानी किशन लाल अग्रवाल का जन्म 12 जनवरी, 1922 को अजमेर में हुआ था. अग्रवाल अपने परिवार के साथ शहर के अंदरूनी क्षेत्र होलीदड़ा में रहते थे. अग्रवाल ने लंबे समय तक एक छोटी सी राशन की दुकान चलाकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन किया. छोटी सी दुकान से ही उन्होंने पांच पुत्र और पांच पुत्रियों का लालन-पालन किया. गौरतलब है कि निधन से 15 दिन पहले 15 अगस्त को पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने अग्रवाल के निवास पर उनके हाथों से तिरंगा फहराया था और उनका सम्मान भी किया था.
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भारत छोड़ो आंदोलन में निभाई भूमिका: 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में अग्रवाल ने सेनानी की भूमिका निभाई थी. अग्रवाल के पुत्र मनीष अग्रवाल ने बताया कि उनके दादा अजमेर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी कई बातें उन्हें बताया करते थे. उन्होंने बताया था कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान महात्मा गांधी अंग्रेजों से छुपते छुपाते अजमेर आए थे. यहां नया बाजार खजाना घड़ी में उनके रुकने की व्यवस्था की गई. कार्यकर्ता के नाते उन्होंने व्यवस्था संभाली.