अजमेर. देशभर में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सभी जगह लगातार आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में देश को बचाने के लिए कोरोना वॉरियर्स अपनी पूरी सहभागिता को निभा रहे हैं. वह अपने दायित्व को निभाते हुए सभी देशवासियों की रक्षा करने के लिए मैदान में डटे हैं. साथ ही देश की जनता से बार-बार अपील भी की जा रही है कि घरों में ही रहे और सुरक्षित रहे.
21 दिन के लॉक डाउन के 14 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से लॉक डाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दी गई है. वहीं इटीवी भारत ऐसे कोरोना वॉरियर्स को सलाम करता है जो देश की रक्षा करने के लिए दिन-रात अस्पतालों में डटे हैं. अजमेर के तोपदड़ा में रहने वाली एक ऐसी ही कोरोना वॉरियर्स के बारे के में आपको बतायेंगे जो अपने 2 साल के मासूम बेटे को घर पर छोड़कर अपने फर्ज निभा रही है.
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अजमेर से लगभग 80 किलोमीटर दूर ब्यावर के समीप रास गांव में रहती है यशवंती गहरवार जो पाली जिले में महिला नर्सिंगकर्मी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है. 21 दिन के लॉक डाउन के बीच 1 दिन के लिए वह अपने 2 साल के बेटे युवान से मिलने घर अजमेंर में पहुंची थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से 3 मई का लॉक डाउन बढ़ाने के बाद वह 1 दिन रुक कर फिर से अपनी ड्यूटी के लिए रवाना हो गई. यशवंती ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका पहला कर्तव्य देश की रक्षा करना है और लोगों को बचाना है इसलिए वह अपनी ड्यूटी को पूरी मुस्तैदी के साथ निभा रही है.