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JLN अस्पताल को नॉन कोविड अस्पताल बनाने की कवायद शुरू

अजमेर में संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल को नॉन कोविड-19 अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. गंभीर कोरोना मरीजों एवं संदिग्ध कोरोना मरीजों को छोड़कर शेष माइल्ड कोरोना मरीजों को नए कोविड-19 केयर सेंटर में रखा जा रहा है. अस्पताल से 30 माइल्ड कोरोना मरीजों को कोविड-19 केयर सेंटर में शिफ्ट किया गया है. वहीं 30 मरीजों को कोरोना से जंग जीतने पर क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा गया है.

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जेएलएन अस्पताल को नॉन कोविड अस्पताल बनाया जाएगा

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Published : May 30, 2020, 11:05 PM IST

अजमेर. जिले में कोविड-19 अस्पताल बन चुके संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल को नॉन कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है. बता दें कि लॉकडाउन की शुरुआत के साथ ही जेएलएन अस्पताल के सभी वार्डों को खाली करवाकर कोविड 19 अस्पताल के रूप में काम लिया जा रहा था. इसकी वजह से अन्य मरीजों के इलाज में काफी समस्या आ रही थी.

बता दें कि सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार जेएलएन अस्पताल को वापस से नॉन कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है. इसके लिए अस्पताल में इलाज पा रहे माइल्ड कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कोविड-19 केयर सेंटर बनाए गए हैं. इनमें जयपुर रोड स्थित आयुर्वेद भवन एवं रीजनल फोरेंसिक लैब भवन को कोविड केयर सेंटर के रूप में काम लिया जाएगाय

जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजीव माहेश्वरी ने बताया कि नई गाइडलाइन से चिकित्सकों एवं स्टाफ का काम बढ़ जाएगा, लेकिन सब खुश है कि उनकी तीन माह की मेहनत से 85 फीसदी मरीज ठीक हो गए हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल को खाली करवाने के बाद तीन दिन तक उसे सैनिटाइज किया जाएगा.

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इसके बाद नॉन कोविड मरीजों के इलाज के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी. डॉ. संजीव माहेश्वरी ने बताया कि शनिवार को 30 मरीजों को कोरोना से जंग जीतने के बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर शिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही बताया कि अस्पताल के मुताबिक 85 फीसदी कोरोना मरीजों की रिकवरी कर दी है.

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