अजमेर.राजस्थान की बेटी ने शायरी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है. सिंधी परिवार में जन्मी और पली-बढ़ी सपना मूलचंदानी का साहित्य से कोई ताल्लूक नहीं रहा. खास बात यह है कि पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के बावजूद (Ajmer Software Engineer Became Shayar) सपना ने अपना सपना सच कर दिखाया है. शायरी के जुनून में उन्होंने खुद उर्दू सीखी और अपने शायरी के सफर को आगे बढ़ाते हुए वह इस मुकाम पर पहुंच गई हैं कि देश के नामचीन शायरों के साथ अब वह मंच साझा करने लगी हैं. ईटीवी भारत पर देखिए उभरती हुई युवा शायरा सपना मूलचंदानी का खास इंटरव्यू...
अजमेर में वैशाली नगर की रहने वाली सपना मूलचंदानी ने युवा शायर के रूप में अपनी पहचान बनाई है. हाल ही में बहरीन में भारत और पाकिस्तान के शायरों के बीच सपना को मंच साझा करने का मौका मिला. ईटीवी भारत से बातचीत में सपना मूलचंदानी ने बताया कि बचपन से शायराना अंदाज में उन्हें (Sapna Moolchandani Special Conversation) अपनी बात कहने का शौक था. उम्र बढ़ने के साथ यह शौक कम होने बजाय जुनून बन गया. उन्होंने बताया कि जयपुर से उन्होंने बीटेक की पढ़ाई की. उसके बाद एक बड़ी कंपनी में उन्हें जॉब मिल गया. वर्तमान में बेंगलुरु में वह जॉब कर रही हैं. कोरोना की वजह से अभी वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं.
सपना बताती हैं कि साहित्य की शिक्षा उन्होंने नहीं ली, लेकिन उन्हें साहित्य पढ़ने का शौक रहा है. जॉब करते हुए एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्हें अकेला रहना पड़ा. तब उन्हें शायरी को जानने और समझने की ऐसी तलब लगी कि उन्हें शायरी का जुनून चढ़ गया. किताबों, इंटरनेट और अपने वरिष्ठ सहयोगियों से उन्होंने उर्दू में शायरी करना सीखा. शुरुआत में वह शायरी कागज पर नहीं उतारा करती थीं, लेकिन जब शायरी के प्रति जुनून और तलब बढ़ी तो उनके जहन से शायरी कागज पर उतरने लगी. सपना मूलचंदानी ने बताया कि शुरुआत में काफी मुश्किलें हुईं, लेकिन जब आपको अपने शौक से प्यार हो और उसे पाने का जुनून हो तो शौक हुनर बन ही जाता है.