राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

छात्र संघ चुनाव 2019ः जीसीए कॉलेज के चुनावी मुद्दे में छात्राओं की समस्या नदारद

अजमेर के सबसे बड़े और पुराने जीसीए कॉलेज में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है. हालांकि प्रमुख छात्र संगठनों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के पैनल घोषित नहीं किए हैं. एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों ही दल यह चुनाव लांबित मुद्दों पर लड़ने का दावा कर रहे हैं. वहीं कॉलेज की छात्राओं का आरोप है कि चुनावी मुद्दों में उनके मुद्दे गौण हैं.

अजमेर न्यूज, जीसीए कॉलेज, छात्र संघ चुनाव, एबीवीपी और एनएसयूआई,Ajmer News, GCA College, Students' Union Election, ABVP and NSUI,

By

Published : Aug 19, 2019, 4:58 PM IST

अजमेर. जिले का सबसे बड़ा राजकीय पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय जो कि अब जीसीए कॉलेज के नाम से विख्यात है, यहां चुनावी माहौल रंगत पकड़ने लगा है. चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदार नए विद्यार्थियों के बीच जाकर उन्हें प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं छात्र संगठनों ने चुनावी प्रचार शुरू कर दिया है.

जीसीए कॉलेज में चुनावी सरगर्मियां तेज

बता दें कि पम्पलेट और पोस्टर बैनर का वितरण शुरू हो गया है. वहीं छात्र संगठन माहौल बनाने के लिए परिसर में जुलूस भी निकाल रहे है. कॉलेज में लिंग दोह कमेटी के नियमों की अवेहलना भी शुरू हो चुकी है. एबीवीपी के संगठन मंत्री मेहुल गर्ग ने बताया कि अजमेर में एमडीएस यूनिवर्सिटी सहित आठ कॉलेज कैंपस में से चार कैंपस में उम्मीदवार घोषित किए गए हैं.

गर्ग ने बताया कि जीसीए कॉलेज में पार्किंग की समस्या है. वाईफाई की व्यवस्था है लेकिन नेटवर्क की वजह से कनेक्टिविटी कम मिलती है. वहीं शौचालयों में भी नियमित सफाई नहीं होती. गर्ग ने कहा कि एबीवीपी विद्यार्थी हितों के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ेगे. वहीं एनएसयूआई का दावा भी विद्यार्थियों के लंबित मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ने का है. पदाधिकारी दिनेश ने बताया कि कैंटीन, बैंक एटीएम, छात्रावास, जिम, स्वीमिंग पुल विद्यार्थियों की लंबित मांगे है.

यह भी पढ़ें :लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अतिवृष्टि ने नुकसान का लिया जायजा

इधर छात्राओं का कहना है कि चुनावी मुद्दों में छात्राओं के मुद्दे शामिल ही नहीं है. छात्रा ने बताया कि कॉलेज में शिकायत पेटिका नहीं है. छात्राओं से जुड़े मामलों को लेकर कॉलेज प्रशासन गंभीर नहीं रहता है. छात्राओं के प्रतिनिधित्व को लेकर भी जागरूकता की कमी है. साथ ही बताया कि छात्र संघ चुनाव में छात्राएं चुनाव नहीं लड़ पाती हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details