अजमेर. जिले में दो माह से कोविड-19 के खिलाफ जंग जारी है. वहीं अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य वीबी सिंह दो माह के बाद आज मीडिया से रूबरू हुए हैं. प्राचार्य ने अपनी विवशता बताते हुए कहा कि सरकार ने मीडिया से बातचीत के लिए मना कर रखा था. अब मामला जेएलएन अस्पताल में कोविड-19 के 14 मरीजों के ठीक होने का था. इसलिए प्राचार्य ने अपनी विवशता के बाद भी प्रेसवर्त्ता की.
उन्होंने चिकित्सकों, नर्सिंग एवं सफाई कर्मियों की प्रशंसा की. वहीं जेएलएन अस्पताल को कोविड-19 अस्पताल में तब्दील कर वहां मरीजों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी.
जेएलएन अस्पताल में कोविड 19 के 14 मरीज ठीक हुए हैं और उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में शिफ्ट किया गया है. यह खबर जनता के लिए राहत भरी है. इससे लोगों में कोरोना का डर कम होगा. वहीं कोविड - 19 का ईलाज कर रहे चिकित्सकों के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा.
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जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने यह सुखद जानकारी प्रेस वार्ता के दौरान दी. प्रेस वार्ता में डॉ. सिंह ने कोविड 19 को लेकर दो माह पूर्व से की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी. इस दौरान डॉ. सिंह को याद दिलाया गया कि यह जानकारी जनता दो माह पहले जनता जानना चाहती थी.
लेकिन, मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपने मुंह पर ताला लगा रखा था. प्रेसवार्त्ता में डॉ. सिंह ने बताया कि अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज एवं संलग्न चिकित्सालयों में दो माह पहले ही कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई थी.
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उन्होंने बताया कि जेएलएन अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग को पूर्णता खाली करवाकर 650 बेड का अस्पताल पूरा कोविड -19 अस्पताल में तब्दील कर दिया गया था. ओपीडी और आईपीडी को अस्पताल से अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि अस्पताल में आए अभी तक कोविड-19 के मरीजों में से 14 मरीज को कोरोना मुक्त करने में सफलता मिली है.
ऐसे चिकित्सकों नर्सिंग स्टाफ और कोविड-19 अस्पताल में ड्यूटी दे रहे सफाई कर्मियों का भी मनोबल बढ़ा है. एक सवाल के जवाब में प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि कोविड-19 अस्पताल में डयूटी दे रहे चिकित्सक नर्सिंग स्टाफ कि ड्यूटी रोटेशन के हिसाब से लगाई जा रही है.
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यह सभी घर जाने के बजाय क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं. जांच करने वाले तकनीशियन भी रोटेशन के हिसाब से ड्यूटी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोविड-19 मरीजों की सेवा के लिए 20 वरिष्ठ चिकित्सक, 40 रेजिडेंट चिकित्सक, 200 नर्सिंग कर्मचारी, 70 वार्ड बॉय, 60 सफाई कर्मचारी, 10 किचन स्टाफ और 20 से अधिक सहायक कर्मचारियों का स्टाफ एक समय में बिना किसी छुट्टी आदि के अपनी सेवाएं दे रहा है. इन सभी के लिए सुरक्षा के संपूर्ण इंतजाम किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि 650 बिस्तरों की व्यवस्था के साथ-साथ बिस्तरों पर आईसीयू की व्यवस्था भी उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों के उपचार के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की ओर से विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय निर्देशों का अध्ययन कि एक स्थानीय विस्तृत प्रोटोकॉल तैयार किया गया है.
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अब उसी प्रोटोकॉल के अनुसार सभी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. अस्पताल में मरीजों के भोजन की व्यवस्था के लिए आउटसोर्सिंग की गई है और मरीजों एवं स्टाफ के लिए बोतल बंद पानी दिया जा रहा है.
जेएलएन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य वीबी सिंह ने यह भी बताया कि आरटी पीसीआर की 2 मशीन कॉलेज के पास उपलब्ध है. इनसे जांच शुरू हो चुकी है शीघ्र ही सरकार की ओर से तीन और मशीनें और तीन नए ऑटोमेटिक आरएनए इन्स्ट्रक्टर मशीन भी कॉलेज को मिल जाएगी. इसके बाद टेस्टिंग की क्षमता 1000 टेस्ट प्रतिदिन हो जाएगी.