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गहलोत, पायलट या फिर रघु शर्मा...किसका समर्थक बनेगा ADA का चेयरमैन ?

अजमेर में राजनीतिक दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण पद अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के चेयरमैन का है. राजस्थान कांग्रेस में राजनीतिक संगठन में नियुक्तियों की अटकलों के बीच Ajmer Development Authority के चेयरमैन के दावेदारों की सक्रियता और भी बढ़ गई है. दावेदार स्थानीय से लेकर जयपुर दिल्ली तक चेयरमैन की कुर्सी हासिल करने के लिए नेताओं की देहरी ढोंक रहे हैं. खास बात यह है कि दावेदारी की हौड़ में एक दूसरे को निपटाने के लिए शह और मात का खेल भी शुरू हो गया है.

chairman of ajmer development authority
किसका होगा 'अजमेर'...

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Published : Aug 3, 2021, 8:57 PM IST

अजमेर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार को ढाई वर्ष पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन अजमेर विकास प्राधिकरण (ADA) के चेयरमैन पद की राजनीतिक नियुक्ति सरकार अभी तक नहीं कर पाई है. शहर के विकास और सत्ता में भागीदारी की दृष्टि से अजमेर विकास प्राधिकरण का पद काफी महत्वपूर्ण है.

हाल में प्रदेश कांग्रेस राजनीतिक नियुक्तियों और संगठन में नियुक्तियों की अटकलें तेज हो गईं है. यही वजह है कि स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के नेता भी अजमेर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद की दावेदारी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. खास बात यह है कि स्थानीय नेता अपने अपने समाज के माध्यम से सरकार और संगठन से अपने पक्ष में अपील करवा रहे हैं.

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वहीं, एक दूसरे के काले चिठ्ठे भी पहुंचा रहे हैं. अजमेर विकास प्राधिकरण के लिए कई नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि इन नामों में कांग्रेस में जगजाहिर गहलोत और पायलट गुट के किस समर्थक को एसीए चेयरमैन की कुर्सी मिल पाती है. खास बात यह भी है कि अजमेर जिले में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का दबदबा है.

उनके कहने से ही जिले में अफसरों को लगाया और हटाया जाता है. हाल ही में नगर निगम में 12 मनोनीत पार्षदों की सूची जारी की थी. इस सूची में 8 मनोनीत पार्षद चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के समर्थक हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अजमेर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन पद की नियुक्ति में भी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का दखल रहेगा. यही वजह है कि दावेदार अपने-अपने आकाओं देहरी ढोंक रहे हैं.

यह हैं अजमेर विकास प्राधिकरण चेयरमैन पद के दावेदार :

अजमेर विकास प्राधिकरण के दावेदारों की बात करें तो पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती और राजकुमार जयपाल प्रमुख थे. दोनों ही प्रबल गहलोत समर्थक माने जाते हैं. गहलोत सरकार में हाल ही में दोनों को अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में डायरेक्टर बनाया गया है. ऐसे माना जा रहा है कि अजमेर विकास प्राधिकरण के चेयरमैन की कुर्सी अब उनसे दूर हो गई है, लेकिन दोनों ही राजनीतिक क्षेत्र में दबदबा रखते हैं.

ऐसे में अपने स्तर पर दोनों ही एडीए चेयरमैन की कुर्सी हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं. पटाखा व्यवसाई एवं विधानसभा चुनाव में अजमेर उत्तर से कांग्रेस से टिकट मांगने वाले दीपक हासानी का नाम भी चर्चा में है. शुरुआत में दीपक गहलोत गुट के थे, लेकिन एक हाउसिंग सोसायटी की गड़बड़ी में उनका नाम सामने आने पर वह गहलोत गुट से दूर हो गए.

दरअसल, उस हाउसिंग सोसाइटी में सीएम अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत का भी नाम चर्चा में था. इसके बाद हासानी ने सचिन पायलट का हाथ थामा, लेकिन उसके बावजूद भी उन्हें अजमेर उत्तर से टिकट नहीं मिल पाया. हासानी अब चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की शरण में हैं. इसमें एक नाम जेपी दाधीच का भी है. अजमेर शहर सिंधी बाहुल्य क्षेत्र है. ऐसे में सिंधी समाज से कांग्रेस की लीडरशिप विकसित करने के लिए दीपक हासानी की किस्मत बुलंद हो सकती है.

हालांकि, सिंधी समाज से ही वरिष्ठ पत्रकार रहे एवं कांग्रेस नेता गिरधर तेजवानी भी एडीए चेयरमैन की दावेदारी ठोंक रहे हैं. तेजवानी पायलट समर्थक हैं. पायलट समर्थकों की बात करें तो अजमेर उत्तर से विधानसभा चुनाव हारे महेंद्र सिंह रलावता, किशनगढ़ में व्यवसाई एवं कांग्रेस नेता राजू गुप्ता एवं अजमेर से वरिष्ठ कांग्रेसी प्रताप यादव भी दावेदार हैं.

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