राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

अजमेर: चिकित्साकर्मी से आईएस अधिकारी की बदसलूकी का मामला, काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

अजमेर एसडीएम द्वारा चिकित्साकर्मी के साथ किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अखिल राजस्थान चिकित्सक संघ की ओर से प्रदेश भर में ब्लैक डे मनाया. एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई न होने पर चिकित्सकों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया.

misbehavior with medical personnel, डॉक्टरों का विरोध
चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर मनाया ब्लैक डे

By

Published : May 8, 2020, 3:32 PM IST

अजमेर. कोरोना आपदा नियंत्रण कार्य कर रहे चिकित्साकर्मी के साथ अजमेर एसडीएम द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर शुक्रवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अखिल राजस्थान चिकित्सक संघ की ओर से प्रदेश भर में ब्लैक डे मनाया गया. 21 अप्रैल को अजमेर एसडीएम आर्तिका शुक्ला ने महिला चिकित्साकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया था. इस मामले कार्रवाई न होने के चलते चिकित्सकों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया है.

चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर मनाया ब्लैक डे

अरिसदा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी के आवाहन पर विरोध प्रदर्शन से आमजन को किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं हुई. जिसके मद्देनजर प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सकों की ओर से शुक्रवार को काला झंडा लहरा कर विरोध जताया गया. उन्होंने बताया कि सभी चिकित्सक संस्थानों के बाहर 8 बजे ओपीडी शुरू कर देते हैं. वही 2 बजे तक ओपीडी समाप्त होते समय सांकेतिक रूप से 4 लोगों के समूह में काला झंडा हवा में लहरा कर विरोध दर्ज कराएंगे.

पढ़ें:अजमेर में 2 गर्भवती निकली कोरोना पॉजिटिव, आंकड़ा पहुंचा 189

महिला चिकित्साकर्मी ज्योत्सना रंगा ने जानकारी देते हुए बताया चिकित्सकों के मंदिर में घुसकर बदसलूकी की गई है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यह तो वही बात हो गई कि मंदिर में जूते लेकर प्रवेश करना और उस पर कोई भी कार्रवाई ना करना. इसी विरोध को जताते हुए वरिष्ठ महिला चिकित्सक ज्योत्सना रंगा के साथ पुलिस लाइन चिकित्सालय के डॉ. प्रदीप जयसिंघानिया और डॉ. सौरभ भी मौजूद रहे. जिन्होंने महिला अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पढ़ें:डूंगरपुर अस्पताल अधीक्षक के विरोध में उतरे डॉक्टर, काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन

काली पट्टी बांधकर जताया गया विरोध

प्रदेश भर में ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वहीं डॉक्टर ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच कार्य बाधित नहीं होगा. लेकिन विरोध जब तक जारी रहेगा, तब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता और महिला अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया जाता है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details