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अजमेर: ओवरब्रिज के लिए खोदा गड्ढा, पाइपलाइन टूटने से भरा पानी...प्रशासन की इस लापरवाही ने ली अब्दुल की जान

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Published : Dec 27, 2020, 8:35 PM IST

रामगंज थाना इलाके में डेयरी फाटक के पास ओवरब्रिज के लिए खोदे गए गड्ढे में गिरने से एक अधेड़ की मौत हो गई. घटना से गुस्साए लोगों ने जमकर हंगामा किया और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की.

man drowning in ajmer
दीवार धंसने से गड्ढे में डूबकर अधेड़ की मौत

अजमेर. रामगंज थाना क्षेत्र स्थित डेयरी फाटक के पास दीवार धंसने से पानी से भरे गड्ढे में गिरने से एक अधेड़ की मौत हो गई. इससे गुस्साए लोगों ने जमकर हंगामा किया और मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग की. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने ओवर ब्रिज का निर्माण कर रहे ठेकेदार पर भी लापरवाही पूर्वक काम करने का आरोप लगाया है.

दीवार धंसने से गड्ढे में डूबकर अधेड़ की मौत

स्थानीय लोगों का कहना है कि कंचन नगर निवासी अब्दुल रज्जाक बकरा मंडी में काम करते थे. वह अपने काम पर जा रहे थे. डेयरी फाटक के पास चल रहे ओवर ब्रिज के निर्माण कार्य के लिए गड्ढा खोदा गया था और लोगों के निकलने के लिए एक दीवार बनाई गई थी. यह दीवार धंसने से अब्दुल रज्जाक उस गहरे गड्ढे में डूब गए, जिसे कई घंटों की मशक्कत के बाद एसडीआरएफ ने बाहर निकाला है.

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पूर्व में भी इस ओवर ब्रिज की खामियों को लेकर विरोध जताया गया है, लेकिन ठेकेदार है कि अपनी मनमानी पर अड़ा हुआ है. मृतक के परिजनों ने मुआवजा देने की मांग रखी है. वहीं थानाधिकारी सतेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि इलाके के लोगों में रोष था, जिसे शांत करवा दिया गया है. मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा. साथ ही परिजन की रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की जाएगी. वहीं मृतक के भतीजे इस्लाम ने कहा कि उनके परिवार में वह ही कमाने वाले थे और अब उनकी मृत्यु के बाद परिवार पर आर्थिक संकट गहरा जाएगा.

जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के आपातकालीन विभाग का छज्जा गिरा

अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल आपातकालीन विभाग में शुक्रवार को छज्जा गिर गया. अचानक हुए इस हादसे से मरीजों और चिकित्साकर्मियों में डर बैठ गया. चिकित्सक डॉ. अंबर ने बताया कि जब ड्यूटी पर थे, तब अचानक प्लास्टर आकर गिर गया. उस दौरान बेड पर कोई भी मरीज नहीं था, नहीं तो वह चोटिल हो सकता था.

जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के आपातकालीन विभाग का छज्जा गिरा

उन्होंने बताया कि इसके बाद बेड को बाहर करवाया गया. साथ ही आपातकालीन विभाग की व्यवस्था है अभी हाल में शिफ्ट की गई है, जिससे कि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो. बता दें कि हाल ही में आपातकालीन विभाग का निर्माण करवाया गया था, लेकिन उसके उपर आज भी जर्जर बिल्डिंग हो रही है. जो कभी भी हादसे का सबब बन सकती है. करोड़ों की राशि लगाने के बावजूद भी अभी तक जवाहरलाल नेहरू अस्पताल का कायाकल्प नहीं हो पाया है.

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