अजमेर.अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि देश की कई दरगाहो को प्लेटफार्म बना कर कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर गलत अफवाह फैला रहे हैं. उनका मकसद आम मुसलमानों और युवाओं को गुमराह करना है. दरगाहों को प्लेटफार्म बना कर ऐसी भ्रामकता फैलाने वालो का पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए. इसको लेकर अजमेर से अभियान का भी आगाज किया गया है.
दरगाहों को प्लेटफार्म बनाकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पैगाम ए अमन अभियान दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने आल इंडिया सूफी सज्जादानशीन कॉउंसिल के पदाधिकारियों और सदस्यों के साथ वेबिनार की. बैठक में तीन मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. इसमें देश के अलग अलग राज्यों में स्थित दरगाहों को टारगेट कर सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्त्वों की ओर से दरगाह को प्लेटफार्म बना कर गलत और भ्रामकता फैलाए जाने का विरोध जताना और ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाना है. अभियान का आगाज करते हुए एक पोस्टर भी जारी किया गया है. इस अभियान में देश की बड़ी दरगाह के सज्जादानशीन और उनके उत्तराधिकारी शामिल है.
एआईएसएससी के माध्यम से अलग-अलग राज्यों में जाकर अभियान चलाएंगे. इसके तहत आम सभाए की जाएगी. पैगाम में अमन और पैगाम ए इंसानियत अभियान चलाकर दरगाहो को प्लेटफार्म बना कर आम मुसलमान और युवाओं को गुमराह करने वाले असामाजिक तत्वों को जवाब दिया जाएगा. ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के बैनर तले चाइना में उगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार की निंदा भी की गई. दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि जो देश इस्लाम के ठेकेदार बने हुए हैं खासकर पाकिस्तान एव सऊदी अरब वह चाइना में मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार के मामले में खामोश है.
यह भी पढ़ें-कांग्रेस कार्यकारिणी के 39 पदाधिकारियों को जिले आवंटित, उपाध्यक्षों को बनाया संभाग प्रभारी
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में मुसलमानों को लेकर कुछ भी बात हो जाती है तो उसमें यह देश मुखर होते हैं, लेकिन दूसरी जगह पर जो मुसलमानों के साथ जो घट रहा है उस पर आवाज क्यों नहीं उठाई जा रही है. यह सभी का फर्ज है कि विश्व में कहीं भी मुस्लिम ही नहीं गैर मुस्लिम पर भी कोई जोर जुल्म होता है, तो उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस्लाम की पहली शिक्षा ही यही है कि किसी भी बेगुनाह व्यक्ति का कत्ल किया जाता है, तो वह पूरी इंसानियत का कत्ल है. इसलिए यह अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा. चिश्तिया सिलसिले की जितनी भी खानखाओ के अलावा अन्य खानाखाओ से भी अभियान में सहयोग लिया जाएगा.