राजस्थान

rajasthan

Special: कोरोना काल में जिम से परहेज, साइकिल का बढ़ा क्रेज

By

Published : Oct 2, 2020, 10:08 PM IST

कोरोना काल में सेहत संभालने के लिए साइकिलिंग के प्रति लोगों का रुझान धीरे धीरे बढ़ने लगा है. ऐसे में साइकिलों की डिमांड के साथ बिक्री में भी बढ़ोतरी होने लगी है. वहीं बिक्री की बात की जाए तो 70 से 80 साइकिल की प्रतिदिन बिक्री कोरोना संक्रमण से पहले होती थी. वर्तमान में अब बिक्री लगभग 140 से 150 तक पहुंच चुकी है. देखें पूरी रिपोर्ट...

cycling in lockdown, sale of bicycles
बढ़ा साइकिल का क्रेज

अजमेर.कोरोना संक्रमण के कारण बदले हालात में सेहत को संभाले रखने के लिए लोगों का फिर से साइकिलों के प्रति रुझान अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है. जहां लगातार दिन-ब-दिन साइकिलों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है तो वहीं खुद को स्वस्थ रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता व खर्चों में कमी के लिए साइकिल चलाने लगे हैं, जिससे साइकिलों की डिमांड के साथ बिक्री में भी अब लगातार बढ़ोतरी हो रही है.

कोरोना काल में बढ़ा साइकिल का क्रेज

कोरोना संक्रमण काल में लोग सिर्फ जिम में ही साइकिलिंग करते थे, लेकिन अब जिम से परहेज और सेहत बात बनाए रखने के लिए साइकिलिंग में फिर से रफ्तार पकड़ ली है. स्थिति यह है कि मांग के अनुरूप साइकिलों की आपूर्ति भी अब नहीं हो पा रही है, क्योंकि लगातार साइकिलों के डिमांड अधिक बढ़ने के कारण बाजारों में साइकिलें भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. अब ऐसे में युवाओं के साथ साथ अब बुजुर्ग साइकिल के प्रति रुचि पैदा कर रहा है.

पढ़ें-जज्बे को सलाम: लॉकडाउन के दौरान 65 साल की महिला ने बनाया ऑर्गेनिक साबुन, खूब हो रही डिमांड

शहर में कोरोना संक्रमण से पहले बमुश्किल 8 से 10 बड़े साइकिल विक्रेता शहर में थे, लेकिन अब इसमें लगातार इजाफा बढ़ता ही जा रहा है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई काम बंद होने के कारण सैकड़ों की अब नई दुकानें खुलने लगी हैं, जिसमें गगवाना, गेगल, पुष्कर, नसीराबाद और मेड़ता सहित आसपास के गांव भी शामिल हैं, जहां लगातार साइकिलों की बिक्री के बाद दुकानें अधिक मात्रा में खुलने लगी हैं.

लॉकडाउन के बाद से साइकिलों की मांग के अनुसार आपत्ति भी नहीं हो पा रही है, जिसका मुख्य कारण है कि कंपनियों में लेबर की कमी और कच्चा माल उपलब्ध नहीं होना. इसके साथ ही गीयर व बैटरी वाली साइकिल के पार्ट्स इंपोर्ट नहीं हो रहे, जिसके कारण विक्रेताओं के गोदाम भी खाली हो गए हैं.

दोगुना बढ़ चुकी है साइकिलों की बिक्री

वहीं बिक्री की बात की जाए तो 70 से 80 साइकिल की प्रतिदिन बिक्री कोरोना संक्रमण से पहले होती थी. वहीं वर्तमान में अब बिक्री लगभग 140 से 150 तक पहुंच चुकी है. 300 के करीब अजमेर से बाहर साइकिलों को भेजा जा रहा है. सबसे खास बात यह है कि 1000 से 30 हजार कीमत तक की साइकिलें बाजार में मौजूद हैं. वहीं इसको लेकर डिमांड भी अधिक बढ़ने लगी है, जिससे लोग अब ज्यादा साइकिल खरीद रहे हैं.

पढ़ें-Special: मेवाड़ के मुकेश ने खोज निकाली तितलियों की नई प्रजाति 'स्पीआलिया जेब्रा'

बिक्री बढ़ने का कारण

बता दें कि कोरोना संक्रमण के कारण कई ऐसे युवा हैं, जिनके जिम छूट चुके हैं और कहीं ना कहीं वे जिम जाने से भी कतरा रहे हैं, क्योंकि ना ही जिम में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो पाती है और जिम करते हुए समय व्यक्ति मास्क भी नहीं लगा पाता है. इस कारण साइकिलिंग से पूरे शरीर के एक्सरसाइज और आउटिंग भी हो जाती है. इस कारण अब यूथ सड़कों पर ज्यादा साइकिल करते हुए नजर आते हैं. वहीं हर आयु वर्ग और आय वर्ग वालों की पहुंच में साइकिल है. इसलिए लगातार साइकिल की डिमांड बढ़ती जा रही है. बच्चों के लिए खेल के साथ साथ सेहत का भी एक साधन है, जिसे लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

क्या है एक्सपर्ट की राय

वहीं वरिष्ठ आचार्य जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के डॉ. संजीव महेश्वरी बताते हैं कि अजमेर में सभी चीजें पास-पास मौजूद हैं. इसलिए यहां पर साइकिल से ही काम चलाया जा सकता है. इसके अलावा साइकिल चलाने से दिल गुर्दे और गोड़े सही काम करने लग जाते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पर्यावरण के जितना करीब रहेंगे. उतना ही सुखी रहेंगे. इसके अलावा दिल, दिमाग और शरीर को जो अच्छा लगे वही करना चाहिए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details