अजमेर.कोविड-19 महामारी के बीच आपसी विवाद में उलझी वरिष्ठ महिला चिकित्सक ज्योत्सना रंगा और महिला टॉपर आईएएस अधिकारी आर्तिका शुक्ला के बीच विवाद हुआ था. जिसके बाद विवाद ने इतना तूल पकड़ लिया कि एक महीने बाद कोर्ट से इस्तगासे के जरिए सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.
कोर्ट ने इस्तगासा के जरिए मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश पुलिस को अजमेर उपखंड अधिकारी आर्तिका शुक्ला और उनके गार्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस को जांच करने के आदेश दे दिए थे. वहीं, महिला डॉक्टर के अनुसार मामले में सिविल लाइन थाने में उनकी ओर से पहले भी शिकायत दी गई थी, लेकिन मामले को एक महीना बीत चुका है. मामले में किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
उन्होंने बताया कि जिस तरह से महिला एसडीएम अधिकारी की ओर से उनके कार्य में बाधा पहुंचाने और उनका हाथ मरोड़ने की कोशिश की गई थी, उसके बाद मामले को लेकर लगातार बैठक भी हुई थी, लेकिन अभी तक मामला शांत नहीं हुआ है.
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एसडीएम ने नेशनल डिजास्टर रिलीफ में ड्यूटी के दौरान आपराधिक बल प्रयोग और हमला कर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था. जिस पर वरिष्ठ महिला चिकित्सक की ओर से मामले को कोर्ट में ले जाया गया. जहां अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या तीन ने मामले में संज्ञान लेते हुए इस्तगासा के जरिए सिविल लाइन थाने में महिला एसडीएम अधिकारी और गार्ड के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं.