अजमेर.राज्यसभा चुनाव (Congress Mission RS 2022) को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों दल अपने विधायकों के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं. सत्ताधारी पार्टी अपना किला बचाने की जुहत में है तो मुख्य विपक्षी दल सेंधमारी की तलाश में है. बाड़ेबंदी को लेकर कांग्रेस सर्तक (Udaipur For Political fencing) है. किसी भी कीमत में मिशन राज्यसभा को फेल होने देना नहीं चाहती. तीसरे सीट के लिए निर्दलीयों पर आस टिकी है. कुछ अर्से पहले 2 निर्दलीय विधायक सीएम की उस अहम बैठक से गायब थे जो राज्यसभा सीटों को लेकर बुलाई गई थी. इस गैरमौजूदगी से विरोधी खेमे का उत्साह बढ़ भी गया था. लेकिन इन दोनों के उदयपुर पहुंचने के साथ ही सभी कयासों पर ब्रेक लग गया है.
सुभाष चंद्रा से अच्छे संबंध से कांग्रेस परेशान: बुधवार को अजमेर जिले के मार्बल सिटी किशनगढ़ के निर्दलीय विधायक सुरेश टांक के घर के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई. अजमेर एसपी के निर्देश के बाद ऐसा किया गया. अचानक विधायक आवास पर बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था सियासी गलियारों में चर्चा का सबब बन गई. सूत्रों की मानें तो ये टांक और सुभाष चंद्रा के अच्छे संबंधों की खबरों के बीच अलर्ट के तौर पर उठाया गया (avoid poaching congress political fencing) कदम था.
टांक के घर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था पढ़ें. राज्यसभा चुनाव के बीच बाड़ेबंदीः हरियाणा कांग्रेस के 30 विधायकों को किया जा सकता है जयपुर शिफ्ट...राजस्थान के विधायक जाएंगे उदयपुर!
पूनिया से मुलाकात भी रही चर्चा में: इस बीच देर रात टांक की सतीश पूनिया से मुलाकात भी रेडार पर आ गई. जयपुर से किशनगढ़ लौटते समय भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से हाइवे पर विधायक सुरेश टांक की करीब एक घंटे चर्चा हुई. इसके कांग्रेस सरकार सतर्क हो गई और ये भी विधायक के आवास की सुरक्षा बढ़ाने का एक कारण माना गया.
देर रात हुए तीनों रवाना: देर शाम दूदू विधायक बाबूलाल नागर और मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीर सिंह जोजावर किशनगढ़ पहुंचे और कुछ देर निर्दलीय विधायक सुरेश टांक से चर्चा की. फिर तीनों विधायक सड़क मार्ग से एक ही गाड़ी में उदयपुर के लिए रवाना हो गए. कांग्रेस उदयपुर के होटल ताज अरावली में विधायकों की बाड़ेबंदी (Political Fencing By Congress) कर रही है देर रात तीनो विधायक उदयपुर पहुंच गए.सूत्रों की माने तो विधायक सुरेश टांक कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने वफादारी को लेकर अपना तर्क भी दिया है. कहा है कि जनता ने उन्हें निर्दलीय जिताया. कांग्रेस की सरकार को उन्होंने समर्थन दिया और इसका सुफल उनके विधानसभा में हुए विकास कार्य से मिल भी गया.