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अजमेर: कलेक्टर ने जेएलएन अस्पताल का किया निरीक्षण, कोविड-19 मरीजों के परिजनों ने बताई अव्यवस्थाओं की हकीकत - Rajasthan News

अजमेर में जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान मरीजों के परिजनों ने कलेक्टर को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाया. वहीं, जिला कलेक्टर ने कहा कि जेएलएन अस्पताल में कोविड 19 के मरीजों को एक साथ रखा जाएगा, जिससे एक ही जगह पर मरीजों को चिकित्सा सेवा के साथ ही उनकी देखभाल भी की जा सके.

Collector inspected Hospital, अजमेर न्यूज़
अजमेर जिला कलेक्टर ने जेएलएन अस्पताल का किया निरीक्षण

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Published : Sep 4, 2020, 10:27 PM IST

अजमेर.जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शुक्रवार को जेएलएन अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान कोविड-19 मरीजों के परिजनों ने अपना दर्द बयान किया, जिसके बाद कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही परेशानियों से उन्हें निजात मिलेगी और व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जाएगा.

कलेक्टर ने जेएलएन अस्पताल का किया निरीक्षण.

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वर्तमान में जेएलएन अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों को रखने के लिए 3 अलग-अलग जगहों पर व्यवस्था है. इनमें यूरोलॉजी वार्ड, ट्रॉमा वार्ड और आइसोलेशन वार्ड शामिल है. हालात ये है कि इनमें मरीजों को चिकित्सा सेवा तो मिल रही है, लेकिन बुजुर्ग कोरोना मरीजों के लिए भारी परेशानी भी है. कोविड 19 वार्ड में भर्ती ऐसे बुजुर्ग मरीज, जो खुद कमजोरी की वजह से उठ नहीं सकते, उन्हें बेड से उठाकर लघुशंका तक ले जाने वाला तक कोई नहीं है. हालात ये है कि बुजुर्ग मरीजों को गीले में रहना पड़ता है. दिन में एक दो बार परिजनों को भीतर जाने की अनुमति मिलती है, तब जाकर बुजुर्ग मरीजों के कपड़े बदले जाते हैं. इतना ही नहीं, आइसोलेशन वार्ड में महिला मरीजों के लिए अलग से कोई टॉयलेट नहीं है. इसके अलावा परिजनों के लिए भी बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है. मजबूरी में परिजनों को धूप और बारिश के दौरान बाहर खुले में ही रहना पड़ता है.

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कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने अस्पताल निरीक्षण के बाद बातचीत में कहा कि अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों को एक ही जगह पर रखे जाने को लेकर चिकित्सा अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है, जिससे एक ही जगह पर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके और उनकी देखभाल भी बेहतर हो सके. अजमेर में बढ़ रहे कोरोना मरीजों और मृत्यु दर के आंकड़ों के सवाल पर कलेक्टर ने कहा कि जेएलएन अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत हो चुकी है. प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से मृत्यु दर को रोकने के प्रयास किए जाएंगे.

वहीं, कलेक्टर के दौरान एक और कोविड-19 मरीज के वार्ड में अव्यवस्थाओं की पोल खुलती नजर आई. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना के आंकड़े छुपाए जाने की शिकायत भी कलेक्टर को मिली. लेकिन, कलेक्टर ने सीएमएचओ से सवाल करने की बात कर मामले से पल्ला झाड़ लिया. गौरतलब है कि प्रदेश में गहलोत सरकार पारदर्शिता और निष्पक्षता का दावा करती है, लेकिन अधिकारी सरकार के पारदर्शिता के दावों को पलीता लगा रहे हैं.

कलेक्टर ने दिए ये निर्देश
कलेक्टर के मुताबिककोविड-19 के मरीजों को एक साथ रखा जाएगा. अस्पताल में एक फ्लोर पर 200 मरीजों के रखने की व्यवस्था होगी. टॉयलेट्स की व्यवस्था के साथ ही परिजनों को बैठने की भी व्यवस्था होगी. मरीजों के वार्ड में निगरानी के लिए सीसीटीवी लगेंगे. गंभीर कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी से इलाज होगा. वहीं, ऑक्सीजन की भी व्यवस्था सुदृढ होगी.

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