अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बना हुआ है, साथ ही कोरोना के चलते व्यापार पर भी काफी असर देखने को मिला है. मई का महीना जहां अब धीरे-धीरे गर्मी बढ़ने लगी है तो वहीं गर्मी के मौसम में ठंडे पेय पदार्थ का व्यापार करने वालों पर इस बार कोरोना का ग्रहण लगा है, कारोबारियों की मानें तो कोरोना संक्रमण को लेकर जहां देशभर में लॉकडाउन किया गया है, तो वहीं आर्थिक मंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है.
वहीं शहर वासियों को कोरोना संक्रमण के चलते इस बार गन्ने का रस, बर्फ के गोले, लस्सी छाछ सहित गर्मी के मौसम में काम आने वाले पेय पदार्थों से भी महरूम ही रहना पड़ेगा. वहीं इससे जुड़े कामकाज से सीधे तौर पर सैकड़ों स्थानीय प्रवासी लोगों को रोजगार मिलता रहा है, लेकिन लॉकडाउन के वजह से वह भी इन मजदूरों से छीन गया है.
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लॉकडाउन लंबा चलने के कारण बेरोजगार हुए प्रवासी श्रमिकों में से भी अधिक संख्या में लोग अपने गृह क्षेत्रो में लौट चुके हैं. अब ऐसे में आगामी दिनों में सामान्य स्थिति होने के बावजूद प्रवासी श्रमिकों का टोटा होने के कारण इसे स्थाई रोजगार फिर से पटरी पर आने में काफी समय लगेगा, वहीं अगर अजमेर नगर निगम क्षेत्र की बात करें तो लगभग 100 से डेढ़ सौ गन्ने की मशीन अस्थाई रूप से संचालित होती है, जहां उनकी व्यापार पर भी काफी असर पड़ा है, जो मार्च से ही जुलाई तक उसका शुल्क लगभग 15 हजार निगम वसूलता है.