अजमेर. कोरोना अवधि में श्रमिकों के पलायन से जो दर्दनाक तस्वीरें सामने आई, उससे सबक लेते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने असंगठित कामगारों के लिए ई श्रम पोर्टल लॉन्च किया है. श्रम पोर्टल पर ज्यादा से ज्यादा असंगठित कामगार अपना पंजीयन करा सकें इसके लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है. केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त डीपीएस नेगी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में दावा किया है कि असंगठित कामगारों के पंजीकरण के लिए ई श्रम पोर्टल की व्यवस्था मील का पत्थर साबित होगी.
श्रम और रोजगार मंत्रालय भारत सरकार के प्रमुख सलाहकार एवं मुख्य श्रम आयुक्त डीपीएस नेगी शनिवार को अजमेर में थे. हरीभाऊ उपाध्याय नगर में स्थित केंद्रीय श्रम भवन में केंद्रीय मुख्य श्रम आयुक्त डीपीएस नेगी ने ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें ई श्रम पोर्टल के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा असंगठित कामगारों का ई श्रम पोर्टल पर पंजीयन करवाएं. बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने आसपास रहने वाले असंगठित कामगारों को ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन के लिए प्रेरित करें.
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उन्होंने कहा कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अजमेर में ही असंगठित कामगारों के पंजीयन की घोषणा की थी. यादव का कहना है कि वह श्रम पोर्टल से जुड़ें और आगे बढ़ें. मुख्य श्रम आयुक्त डीपीएस नेगी ने बताया कि कोरोना अवधि में असंगठित कामगारों को एक जिले से दूसरे जिले या एक राज्य से दूसरे राज्य में आने जाने में काफी परेशानी हुई. इस दौरान ऐसे असंगठित श्रमिकों को क्या सुविधाएं दी जाएं यह भी दुविधा रही.
ई श्रम पोर्टल पर पंजीयन के बाद असंगठित कामगार को यूनिवर्सल नंबर मिलेगा. यह यूनिवर्सल नंबर पूरे देश में मान्य होगा. असंगठित कामगार देश में कहीं भी जाएगा तो उसे सामाजिक सुरक्षा के तहत सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा. असंगठित श्रमिकों में बिल्डिंग निर्माण, निर्माण श्रमिक, स्टेट वेंडर्स, घरेलू श्रमिक, खेतों में काम करने वाले श्रमिक सहित 38 श्रेणी के असंगठित कामगार जिनका पंजीयन होगा.
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