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जेएलएन अस्पताल में मरीज की मौत का मामला, कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में मरीज की मौत के मामले में अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 ने कोतवाली थाना पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने के आदेश दिए हैं. मृतक की पत्नी ने कोर्ट में इस्तगासा पेशकर जेएलएन अस्पताल के चिकित्सक एवं संबंधित स्टाफ की लापरवाही से उसके पति की मौत होने का आरोप लगाया था.

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जेएलएन अस्पताल में मरीज की मौत का मामला

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Published : Nov 6, 2020, 2:18 AM IST

अजमेर. जेएलएन अस्पताल में मरीज की मौत के मामले में अतिरिक्त न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट संख्या 1 ने कोतवाली थाना पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज कर अनुसंधान करने के आदेश दिए हैं. मृतक की पत्नी ने कोर्ट में इस्तगासा पेशकर जेएलएन अस्पताल के चिकित्सक एवं संबंधित स्टाफ की लापरवाही से उसके पति की मौत होने का आरोप लगाया था.

जेएलएन अस्पताल में मरीज की मौत का मामला

जानकारी के मुताबिक 26 अक्टूबर को प्रमास भटनागर को जेएलएन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. इलाज के दौरान जेएलएन अस्पताल की चिकित्सक खुशबू और उनके सहयोगी स्टाफ ने इलाज में लापरवाही बरती और मरीज को सही इलाज नहीं दिया गया. मरीज को दूसरे वार्ड में भर्ती किया गया. जहां मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की कमी हुई. इस दौरान मरीज को मॉनिटर नहीं किया गया. आपत्ति के बाद मरीज को ऑक्सीजन दिया गया, लेकिन ऑक्सीजन सिलेंडर खाली था. परिजनों की आपत्ति के बाद स्टाफ ने नया ऑक्सीजन सिलेंडर का लगाया लेकिन वह भी खाली निकला.

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मृतक प्रमास भटनागर की पत्नी सरिता भटनागर ने इन आरोपों के साथ अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर चल रहे भ्रष्टाचार के बारे में भी इस्तगासे में अंकित किया था. सरिता भटनागर के वकील जिनेश सिंह सोनी ने बताया कि इस्तगासे में कोर्ट को बताया गया कि अस्पताल में लापरवाही को लेकर जब आपत्ति दर्ज करवाई गई तो चिकित्सक और स्टाफ ने परिजनों के साथ गाली गलौच और मारपीट की.

आपत्ति की वजह से मरीज से ऑक्सीजन मास्क को हटा दिया गया. जिससे 27 अक्टूबर को मरीज की मौत हो गई. वकील सोनी ने बताया कि जानबूझकर चिकित्सक और स्टाफ ने परिजनों की ओर से आपत्ति करने पर ऐसा किया था. इस्तगासे पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सेक्शन 304, 304 A, 385, 504, 506 सहित आईपीसी की अन्य धाराओं में कोतवाली थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि अस्पताल ने मरीज के इलाज के पर्चे भी हड़प लिए हैं. उन पर्चो को परिजनों को दिलवाया जाए.

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