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Published : Jun 23, 2021, 4:58 PM IST

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अजमेर : विदेश में नौकरी के नाम पर युवक से धोखाधड़ी, न्याय की गुहार लगाने के लिए पहुंचा जिला कलेक्ट्रेट

अजमेर के रहने वाले एक युवक के साथ विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी होने का मामला सामने आया है. जिसके बाद बुधवार को युवक ने अजमेर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की है.

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अजमेर के युवक के साथ विदेश में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी होने का मामला

अजमेर. विदेश में नौकरी करने गए युवक ने शोषण का शिकार होने के बाद बुधवार को अजमेर जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित को ज्ञापन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित युवक मनीष बेरवाल इंदिरा नगर मदार का रहने वाला है और साल 2020 में दिवाली के बाद अखबार में इश्तेहार देखकर उसने विदेश में नौकरी करने का मन बनाया और इश्तिहार देने वाले कंपनी मालिक के पास मिलने चला गया. यहां कंपनी मालिक ने उसे अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में उलझा कर विदेश जाने के लिए राजी कर लिया.

बताया कुछ और हकीकत निकली कुछ और

पीड़ित मनीष बेरवाल बताते हैं कि वो दिसंबर में लाइबेरिया चले गए. उनके साथ एक अन्य युवक भी वहां गया था, जब दोनों वहां पहुंचे तो वहां के नजारे एकदम उलट थे. यानी उन दोनों को लाइबेरिया लाने से पहले अच्छे रहन-सहन और खाने-पीने के बारे में बताया गया था, लेकिन जब वो वहां पहुंचे तो ऐसा कुछ भी नहीं था. मनीष ने इस चीज का विरोध करते हुए वापस भारत आने की बात कही तो कंपनी मालिक उन पर नाराज हो गया और उन्हें धमकी देने लगा जबकि मनीष ने उससे कॉन्ट्रैक्ट कैंसिल करने पर हर्जाने के तौर पर डेढ़ लाख रुपए कैश देने की बात भी की थी, लेकिन कंपनी मालिक नहीं माना. उसने मनीष को यही लाइबेरिया में रहकर काम करने का दबाव डाला.

अजमेर के युवक के साथ विदेश में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी होने का मामला

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बड़ी मुश्किल से पहुंचा भारत

इस दौरान कंपनी मालिक ने मनीष के फोन का सिम कार्ड आदि भी छीन लिया. गनीमत रही कि मनीष ने एक दिन लाइबेरिया के किसी स्थानीय निवासी के फोन से एक वीडियो बनाकर अपने परिजनों को भेज दिया. तब जाकर परिजनों को मनीष की वास्तविक स्थिति का पता लगा और उन्होंने उसकी भारत आने में मदद की.

रिपोर्ट दर्ज करवाने के बावजूद नहीं की जा रही कोई कार्रवाई

मनीष कहते हैं कि वापस आने के बाद फरवरी 2021 में उन्होंने इस प्रकरण के बारे में अजमेर एसपी जगदीश चंद्र शर्मा को रिपोर्ट भी दी थी. उसके बाद उन्हें अलवर गेट थाने में इसकी शिकायत करने के लिए कहा गया. उन्होंने अलवर गेट थाने में भी अपने बयान दर्ज करवाए हैं. इसके बाद उन्हें गंज थाने में भी बयान के लिए बुलाया गया, तब भी उन्होंने वहां जाकर अपने बयान और कंपनी मालिक का पता इत्यादि नोटिस करवाएं. उन्हें इस संबंध में बयान दर्ज करवाने के लिए दरगाह थाने पर भी बुलाया गया था. मनीष ने बताया कि वो इस संबंध में कई बार अपने बयान दर्ज करवा चुके हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन की ओर से इस मामले में इतने महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

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