अजमेर. आरोपियों ने परिवादी की पुश्तैनी भूमि के समतलीकरण करने के दौरान पार्षद पति रंजन शर्मा ने धमकाकर काम रुकवाने और कार्य करवाने एवं अपनी पत्नी के वार्ड संख्या 41 से वार्ड पार्षद होने का हवाला देकर परिवादी से 50 लाख रुपये की डिमांड की थी. एसीबी ने परिवादी का नाम गोपनीय रखा है.
एसीबी के मुताबिक 3 जुलाई 2021 को परिवादी से रिश्वत की मांग की गई थी. रिश्वत राशि 50 लाख रुपये मांगी गई थी, लेकिन सौदा 40 लाख में तय हुआ. रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर परिवादी से दलाल किशन खंडेलवाल और देवेंद्र सिंह 2 लाख रुपये लेने गए थे. जहां एसीबी ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
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आरोपियों से मिली सूचना पर एसीबी ने पार्षद नीतू मिश्रा के घर पर भी कार्रवाई की. पार्षद नीतू मिश्रा और उनके पति रंजन शर्मा को एसीबी ने हिरासत में लिया है. वहीं, उनके मकान पर सघन तलाशी की जा रही है. बता दें कि जीसीए चौराहे पर दो लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते दोनों दलालों को गिरफ्तार किया गया है. एसीबी इंटेलिजेंस यूनिट अजमेर की यह कार्रवाई बताई जा रही है.
जानकारी के मुताबिक आरोपी रामगंज स्थित गोविंद नगर निवासी किशन खंडेलवाल, सात पीपली बालाजी मंदिर बिहारीगंज निवासी देवेंद्र सिंह को एसीबी ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि जब सौदा तय हुआ था तो पहली किस्त 5 लाख रुपये देना तय हुआ था.