अजमेर. केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीजीय मसाला किसान मेला (Bijiya Spice Farmer's Fair 2022) 2022 का शुक्रवार को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उद्घाटन किया. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister of Agriculture Kailash Choudhary) ने कहा कि बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीज की कई वैरायटियां विकसित होती हैं. यह विकसित बीज ही जब किसान उपयोग में लेते हैं तब उन्हें उन्नत फसल मिलती है. इससे किसानों की आय बढ़ती है. इसी प्रकार किसानों को अच्छी पैदावार देने वाली फसल के साथ-साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि किस फसल में उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे हैं. उस फसल को किसान पैदा करें तो ज्यादा मुनाफा होगा.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कि हमेशा मंशा रही है कि देश का किसान समृद्ध हो. जब किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा. यही वजह है कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि विश्व में 109 मसालों की किस्म है. इनमें भारत मे 63 किस्म का मसाला होता है. जीरे की फसल का उत्पादन राजस्थान और गुजरात में सबसे ज्यादा होता है.
चौधरी ने कहा कि मसाले के क्षेत्र में किसानों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अजमेर में केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र की नींव रखी थी. जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि देश में कृषि का बजट 2013 से पहले तक 23 हजार करोड़ था. अधिकारियों के वेतन के अलावा विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार होता और किसान तक बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान पहुंचता था. देश में अब तक सबसे सर्वाधिक कृषि बजट 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपए मोदी सरकार ने दिया है. अब योजनाओं के माध्यम से सीधा पैसा किसान के बैंक खाते में आ रहा है.
किसानों को बनना होगा व्यापारीः केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को खेती करने के साथ ही अपनी फसल का वैल्यू एडिशन करने की सोच भी विकसित करनी होगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बाजरे की फसल किसान पैदा करता है. वही बाजरा 16 से 20 रुपए में बेचता है. जबकि उसी बाजरे से निर्मित ओट्स 200 रुपए प्रतिकिलो एवं चॉकलेट, कुरकुरे एवं अन्य उत्पाद महंगे दाम पर मिलते हैं. किसान चाहे तो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर खुद ही प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकता है.