अजमेर. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं कई योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं को लाभ पंहुचा रही हैं, लेकिन कुछ ऐसे विरले निजी संस्थान हैं जो बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा देने के साथ ही उन्हें स्वावलंबी बनाने की सोच रखती हैं. ज्यादातर निजी शिक्षण संस्थाएं फीस को लेकर कोई समझौता नहीं करतीं हैं लेकिन अजमेर में एक ऐसी निजी शिक्षण संस्था है जिसने कक्षा 1 से 12 वीं तक की गरीब बालिकाओं (free education for girls in ajmer) को निशुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है.
बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ पीएम नरेंद्र मोदी का अभियान है. इसके तहत सरकारी एवं स्वयं सेवी संस्थाएं विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बेटियों को निशुल्क शिक्षा दे रही हैं, लेकिन निजी शिक्षण संस्थाओं के लिए आम धारणा शिक्षा का व्यवसायीकरण है. फीस को लेकर निजी शिक्षण संस्थाएं किसी तरह का समझौता नहीं करतीं यह कोरोना काल में भी लोग देख चुके हैं लेकिन कुछ निजी शिक्षण संस्थाएं हैं जिन्होंने वंचित और गरीब बेटियों को निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें शिक्षित करती हैं. अजमेर के मदार स्थित जेपी नगर में भाटिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल (Bhatia Senior Secondary School ajmer) ऐसी ही नजीर पेश कर रहा है.
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एक कमरे से शुरू किया था स्कूल
स्कूल की संस्थापिका वीणा भाटिया ने बताया कि वह अपनी दोनों शैक्षणिक संस्थाओं में बेटियों को निशुल्क शिक्षा देंगी. संस्था ने आसपास मदार, रसूलपुरा, बड़लिया, श्रीनगर के सहित कई गांवों के अलावा, शहर में आम का तालाब, जेपी नगर कच्ची बस्ती क्षेत्र में रहने वाले बेटियों को निशुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है. वीणा भाटिया 80 वर्ष की हैं. 1970 में उन्होंने 1 कमरे से यह स्कूल शुरू किया था. शादी के बाद उन्होंने सेकेंडरी स्तर की परीक्षा पास की थी. शिक्षा की अलख थी लेकिन मन से वह बालिकाओं को निशुल्क शिक्षा देने चाहती थीं. ऐसे में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. काफी संघर्षों के बाद उन्होंने संस्था को खड़ा किया लेकिन अब उम्र अधिक हो गई है. संस्था की संस्थापिका वीणा भाटिया बताती हैं कि गरीबी के कारण कई अभिभावक बेटियों को शिक्षा नहीं दे पाते हैं, जबकि वर्तमान समय में बेटियों को शिक्षित होना जरूरी है.