अजमेर. राजस्थान में नवरात्रि के पावन अवसर पर जगत जननी माता दुर्गा के मंदिरों में भक्ति की सरिता बह रही है. नवरात्रा स्थापना के बाद शनिवार को छठा दिन है. मंदिरों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान हो रहे हैं. वहीं बंगाली हिंदू समाज ने शनिवार को घट स्थापना की (Bengali Hindu samaj ghat sthapna in Ajmer) है. पारंपरिक बंगाली रीति-रिवाज के अनुसार दुर्गा माता की पूजा छठ से शुरू हुई है.
अजमेर में सन 1928 से बंगाली हिंदू समाज दुर्गा पूजा करता आया है. बंगाली परंपरा और रीति-रिवाज ओं के अनुसार नवरात्रा के पावन पर्व पर बंगाली हिंदू समाज दुर्गा पूजा की परंपरा निभाता आया है. यूं तो नवरात्रा के पहले दिन ही घट स्थापना हो जाती है, लेकिन बंगाली हिंदू समाज की परंपरा के अनुसार छठ के दिन स्थापना की जाती है. शनिवार को छठ के दिन कचहरी रोड स्थित बंगाली धर्मशाला में महिषासुर मर्दिनी दुर्गा माता की विशाल सुंदर प्रतिमा, गणेश, कार्तिकेय, लक्ष्मी और सरस्वती के साथ विराजमान की गई.
नवरात्रा की छठ पर बंगाली हिंदू समाज ने की घट स्थापना, तीन दिन तक होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम - Cultural programme on Durga Puja in Ajmer
अजमेर में शनिवार को बंंगाली हिन्दू समाज ने छठ के दिन घट स्थापना (Ghat Sthapna by Bengali Hindu Samaj) की. इसके साथ ही तीन दिन के सांस्कृतिक आयोजनों का दौरा शुरू हो गया. दशमी को दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. इससे पहले बंगाली हिंदू समाज की महिलाएं माता की पूजा कर सिंदूर खेला खेलेंगी.
तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम:बंगाली हिंदू समाज के लोगों ने परंपरा के अनुरूप माता की पूजा अर्चना की. महिलाओं ने छठ के दिन माता से अपनी संतानों की दीर्घायु के लिए मंगलकामनाएं कीं. बंगाली हिंदू समाज के सचिव तरुण चटर्जी ने बताया कि छठ के दिन बंगाली हिंदू समाज घट स्थापना करता आया है. अजमेर में 95वां दुर्गा पूजा आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि आज शाम से समाज के लोग दशमी तक आनंद उत्सव मनाएंगे. तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.
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2 वर्ष बाद हो रही है सामूहिक दुर्गा पूजा: उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से पिछले 2 वर्ष से दुर्गा पूजा नहीं हो पाई थी. इसलिए लोगों में दुर्गा पूजा को लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने बताया कि दशमी को माता दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा. इससे पहले माता की पूजा होगी और बंगाली हिंदू समाज की महिलाएं सिंदूर खेला खेलेंगी. खास बात यह है कि बंगाली हिंदू समाज में दुर्गा पूजा का आयोजन सामूहिक रूप से किया जाता है. इससे समाज में सद्भाव और प्रेम की भावना उत्पन्न होती है.