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बांग्लादेशी जायरीन के जत्थे ने सरकार और अवाम की ओर से ख्वाजा की दरगाह में पेश की चादर - उर्स का मौका

पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से उर्स के मौके पर हजारों जायरीन वीजा लेकर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आते रहे हैं. इस बार भी बांग्लादेश से जायरीन का जत्था अजमेर पहुंचा. उर्स के मुबारक मौके पर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से 450 अकीदतमंदों ने दरगाह में बांग्लादेश की सरकार और अवाम की ओर से चादर पेश की.

Ajmer Dargah, बांग्लादेशी जायरीन
बांग्लादेशी जायरीन के जत्थे ने अजमेर दरगाह में पेश की चादर

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Published : Feb 28, 2020, 8:06 AM IST

अजमेर.विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के दुनिया में चाहने वालों की कमी नहीं है. देश ही नहीं, विदेशों से भी लोग ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स के मौके पर अपनी अकीदत का नजराना पेश करने उनकी दरगाह आते हैं.

बांग्लादेशी जायरीन के जत्थे ने अजमेर दरगाह में पेश की चादर

इसी क्रम में गुरुवार को उर्स के मुबारक मौके पर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से 450 अकीदतमंदों ने बांग्लादेश की सरकार और अवाम की ओर से दरगाह में चादर पेश की. इस दौरान बांग्लादेशी जत्थे ने उनके मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआ मांगी. साथ ही भारत बांग्लादेश के रिश्ते और भी ज्यादा मजबूत होने की दुआ की.

पढ़ें:अजमेरः रौशनी से नहाई ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह, फैज पा रहे है अकीदतमंद

बांग्लादेशी जत्थे का नेतृत्व कर रहे मोहम्मद अब्दुल रज्जाक ने बताया कि कई साल से बांग्लादेश से जायरीन का जत्था उर्स के मौके पर जियारत के आता रहा है. इस बार बांग्लादेशी जत्थे को आसानी से वीजा मिल गया. उन्होंने भारत सरकार से दरख़्वास्त की है कि वीजा की प्रक्रिया ऐसे ही आसान बनी रहे और वो हमेशा गरीब नवाज में अकीदत का नजराना पेश करने के लिए आते रहे.

बांग्लादेशी जायरीन के जत्थे को खादिम सैयद नदीम चिश्ती ने जियारत करवाई. उन्होंने बताया कि 36 साल से बांग्लादेशी जायरीन के जत्थे की मेहमाननवाजी वो करते आए हैं. ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में सभी बांग्लादेशी जायरीन के लिए दुआ की गई है.

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