अजमेर.पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम आजाद की जयंती आतंकवाद विरोध दिवस के रूप में मनाई गई. इस मौके पर गरीब नवाज़ वेलफेयर सोसायटी की ओर से सूफी संत हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह चादर चढ़ाई गई और अमन चैन की दुआ मांगी. समाज सेविका सबा खान ने बताया कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक होने के साथ मनोवैज्ञानिक भी थे. उनको चेहरा पढ़ना भी आता था.
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रियाज अमहद मंसूरी ने बताया की बच्चों व युवाओं में राष्ट्रप्रेम व आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की सीख भी मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने देश को दी. राष्ट्रपति बनने के बाद भी एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा एक आम आदमी की जिंदगी जीते रहे. जो उनके सादा जीवन उच्च विचारों को दर्शाता है. एपीजे अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती के अवसर पर ख्वाजा माॅडल स्कूल में वृक्षारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर प्राचार्य श्री राजीव कुमार अरोड़ा ने कलाम साहब के जीवन परिदृश्य पर रोशनी डाली और उनके योगदान की सराहना की.
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अपनी भाषाई कौशलता के लिए भी जाने जाते हैं. उनके ना जाने कितने ही कोट्स युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. उन्होंने एक बार युवाओं के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि मैं स्पेशली युवाओं से कहना चाहता हूं कि आप कुछ हट कर सोचने का साहस करें, नई चीजों को एक्सप्लोर करो और असंभव को संभव बनाते हुए सफलता हासिल करो. ना जाने ऐसे कितने ही उनके कोट्स युवा पढ़ कर जीवन में प्रेरणा लेते हैं.