राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

गरीब कल्याण योजना के क्रियान्वयन में अजमेर राजस्थान में अव्वल...

कोरोना महामारी में प्रवासी श्रमिकों को संबल देने के लिए बनी गरीब कल्याण योजना में राजस्थान देश में पहले नंबर पर है. साथ ही योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में अजमेर जिला राजस्थान में पहले स्थान पर है.

Ajmer news, Garib Kalyan Yojana, corona virus
गरीब कल्याण योजना के क्रियान्वयन में अजमेर राजस्थान में अव्वल

By

Published : Aug 12, 2020, 2:21 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी में प्रवासी श्रमिकों को संबल देने के लिए बनी गरीब कल्याण योजना में राजस्थान देश में नंबर वन है. वहीं, योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में अजमेर जिला राजस्थान में पहले स्थान पर है. कोरोना महामारी के चलते किए गए लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को बड़ी मुसीबत झेलनी पड़ी थी. बेरोजगारी के चलते प्रवासी श्रमिकों को खाने-पीने के लाले पड़ गए थे. तब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान किया गया था.

गरीब कल्याण योजना के क्रियान्वयन में अजमेर राजस्थान में अव्वल

पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत 25 कार्य चयनित किए गए, जिसके अंतर्गत प्रवासी श्रमिकों को जॉब कार्ड मुहैया करवाकर उन्हें काम से जोड़ा गया. साथ ही स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत उनकी स्किल के अनुसार रोजगार भी दिए जा रहे हैं. इसके तहत हर ग्राम पंचायत में प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए हेल्प डेस्क भी लगाई गई है. पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत 125 दिन का रोजगार दिया गया है. यह योजना 22 जून 2020 से शुरू हुई थी जो अक्टूबर में संपन्न होगी.

योजना के अंतर्गत देश में राजस्थान पहले नंबर पर है. वहीं, राजस्थान में अजमेर जिला अव्वल है. बता दें कि योजना के क्रियान्वयन के साथ हर प्रवासी की फोटो अपडेशन कार्य के साथ वेबसाइट पर अपलोड की जाती है. इसमें भी अजमेर अव्वल है. जिला परिषद के सीईओ गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि पंचायत भवन निर्माण, समुदाय भवन निर्माण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण रेलवे, सड़क, जल जीवन मिशन सहित 25 कार्यों में प्रवासी श्रमिकों का पंजीयन पीएम गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत किया गया था.

यह भी पढ़ें-पायलट कैंप के विधायक बोले- हमारे नेता ने बड़ा मन रखते हुए CM पद का 'त्याग' किया

अजमेर में करीब 3 हजार 885 प्रवासी श्रमिकों का जॉब कार्ड बनवाकर काम दिया गया है. इसके अलावा करीब 13 हजार श्रमिक स्किल डेवलपमेंट से जुड़े हैं. इसके तहत उनकी स्क्रीन के अनुसार ही उन्हें काम दिया जा रहा है. योजना के अंतर्गत जिले में 665 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी हुई थी. इसमें 343 करोड़ रुपए जिले में खर्च किए जा चुके हैं, उन्होंने बताया कि मनरेगा में 63 लाख रुपए खर्च किए जा चुके हैं, जबकि 65 लाख का लक्ष्य रखा गया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details