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Silent Procession in Ajmer : नूपुर की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरा मुस्लिम समाज, राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को दिया ज्ञापन... - Demonstration at Ajmer Collectorate

भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर हजारों लोगों ने शुक्रवार को (Ajmer Silent Procession) अजमेर में विशाल मौन जुलूस निकाला. विभिन्न शहर और गांव से आए मुस्लिम समाज के लोगों ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा और नूपुर शर्मा की जल्द गिरफ्तारी की मांग की.

Silent Procession in Ajmer
मुस्लिम समाज का विशाल मौन जुलूस

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Published : Jun 17, 2022, 7:10 PM IST

Updated : Jun 17, 2022, 7:28 PM IST

अजमेर. भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने पर (Nupur Sharma Controversy) मुस्लिम समाज में भारी रोष व्याप्त है. अजमेर में शुक्रवार को शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्दीकी के नेतृत्व में विभिन्न मुस्लिम संगठनों, विभिन्न शहर और गांव से आए मुस्लिम समाज के लोगों ने नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया. दरगाह के मुख्य निजाम गेट से हजारों की संख्या में मुस्लिम समाज के लोग मौन जुलूस के रूप में जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

सड़कों पर उतरा मुस्लिम समाज : अजमेर शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्धीकी (Ajmer sharif shahar qazi Tauseef Ahmed Siddiqui) के नेतृत्व में जुलूस अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के मुख्य द्वार से रवाना हुआ. जुलूस में उन लोगों की भारी संख्या के मद्देनजर शांति-व्यवस्था में सहयोग करते हुए दरगाह क्षेत्र के व्यापारियों ने 4 घंटे तक अपनी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रखे. हाथों में काली पट्टी और नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करो के बैनर पोस्टर लेकर मुस्लिम समुदाय का जुलूस दरगाह बाजार होते हुए देहली गेट, गंज, फवारा सर्किल, आगरा गेट, जयपुर रोड होते हुए जिला मुख्यालय पहुंचा. जहां शांतिपूर्वक मुस्लिम समाज के लोगों ने अपना विरोध जताया.

नूपुर की गिरफ्तारी के लिए सड़कों पर उतरा मुस्लिम समाज...

शहर काजी तो तौसीफ अहमद सिद्धीकी की सदारत में एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर अंशदीप को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान काजी तौसीफ अहमद सिद्धीकी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी करने पर कई मुस्लिम देश ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि देश में इससे पहले भी कई वाकया हुए, लेकिन देश के मुसलमानों ने कभी किसी अन्य देशों से सहायता नहीं मांगी. यह हमारे देश का अंदरूनी मामला है. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ केस दर्ज हुआ है, लेकिन अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, जिससे लोगों में रोष व्याप्त है. प्रतिनिधिमंडल में मुस्लिम समाज के कई सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव महेंद्र सिंह रलावता भी मौजूद रहे.

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पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हो जल्द गिरफ्तारी : बातचीत में शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्धीकी ने कहा कि पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान से मुस्लिम समाज के लोगों में गुस्सा है. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी से लोगों का गुस्सा शांत होगा. उन्होंने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हुई है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी का इस मामले में कोई बयान भी नहीं आया है. पूरी दुनिया में देश की छवि खराब हो रही है. देश के विश्व गुरु बनने का मोदी का सपना था, इससे हम काफी पीछे आ गए हैं. उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा की जल्द से जल्द गिरफ्तारी हो, जिससे मुसलमानों में बेचैनी और गुस्सा शांत हो जाए.

हर जाति, मजहब के रहनुमाओं का कोई अपमान न करे, इसके लिए कानून बने : दरगाह दीवान के साहबजादे सैयद नसीर उद्दीन चिश्ती ने कहा कि शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्धीकी के आह्वान पर अजमेर के मुसलमान लामबंद हुए हैं. मुस्लिम समाज के सामाजिक संगठनों विभिन्न पंचायतों और दरगाह के खादिम समुदाय के लोगों ने भी जुलूस का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली नूपुर शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. इससे विश्व में देश की छवि खराब हो रही है.

जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन...

उन्होंने कहा कि देश में अमन और सद्भाव के लिए देश का मुसलमान हमेशा साथ में है. देश में सबका साथ सबका विकास की बात की गई थी, लेकिन सबका सम्मान भी होना चाहिए. हर मजहब के रहनुमा का सम्मान (Demand to Arrest Nupur Sharma in Ajmer) होना चाहिए. इस पर कानून भी बनना चाहिए, ताकि कोई भी किसी धर्म-जाति के रहनुमाओं का अपमान न करे.

पुलिस और प्रशासन ने ली राहत की सांस : देश के संवेदनशील शहरों में शुमार अजमेर में मुस्लिम समाज के मौन जुलूस को लेकर प्रशासन और पुलिस अलर्ट था. दरगाह क्षेत्र में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए व्यापारियों से दुकानें बंद रखने की अपील की गई. वहीं, जुलूस के साथ सैकड़ों आरएसी और पुलिस के जवान तैनात किए गए. 3 ड्रोन से जुलूस की निगरानी रखी गई. जिला मुख्यालय के बाहर भारी जाब्ता लगाया गया. जुलूस में शामिल सभी लोग जिला मुख्यालय के भीतर प्रवेश न करें, इसके लिए मुख्य द्वार के बाहर बैरिकेड लगाए गए. ज्ञापन देने के बाद जुलूस में शामिल मुस्लिम समाज के लोग शांति के साथ अपने घरों को लौट गए, जिससे पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली.

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जुलूस के आयोजनकर्ताओं ने संभाला मोर्चा : मुस्लिम समाज के मौन जुलूस के लिए आयोजन समिति का गठन किया गया था, जिसमें शामिल आयोजन कर्ताओं ने करीब 200 वॉलिंटियर्स जुलूस को नियंत्रण करने के लिए लगा रखे थे. खास बात यह रही कि जिस तरह से मौन जुलूस दरगाह से रवाना हुआ, उसी तरह से जिला मुख्यालय से भी जुलूस में शामिल लोग शांति के साथ अपने घरों को लौट गए. शहर में कहीं भी किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई.

Last Updated : Jun 17, 2022, 7:28 PM IST

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