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अजमेर सरस डेयरी ने पशुपालकों को नुकसान से बचाया, दिल्ली मदर डेयरी को नहीं बेचा दूध

कोरोना महामारी के चलते दिल्ली की मदर डेयरी ने पशुपालकों से दूध की खरीद पर 10 रुपए कम कर दिए. अजमेर में दूध के उत्पादन और लॉकडाउन के चलते खपत कम होने से अजमेर सरस डेयरी ने पंजाब और भीलवाड़ा के डेयरी प्लांट में दूध भेजकर पाउडर और घी बनाना शुरू कर दिया है. देखिए ईटीवी भारत पर सरस डेयरी चेयरमैन रामचंद्र चौधरी से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू...

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सरस डेयरी चेयरमैन रामचंद्र चौधरी एक्सक्लुसिव इंटरव्यू

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Published : Apr 17, 2020, 10:16 AM IST

अजमेर.कोरोना महामारी को लेकर देशभर में लॉक डाउन है ऐसी संकट की घड़ी में दिल्ली मदर डेयरी ने पशुपालकों से दूध की खरीद पर 10 रुपए कम कर दिए. दिल्ली मदर डेयरी में अजमेर से भी 30 से 50 लाख लीटर दूध जाता है. खास बात यह है कि संकट की इस घड़ी में पशुपालकों को दूध की खरीद में मदर डेयरी ने 10 रुपए प्रतिलीटर कम कर कमर तोड़ने का काम किया है. इसके ठीक विपरीत अजमेर सरस डेयरी ने खपत कम होने के बावजूद खरीद कम नहीं की और ना ही दाम कम किए.

सरस डेयरी चेयरमैन रामचंद्र चौधरी एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

संकट की इस घड़ी में अजमेर सरस डेयरी ने पशुपालकों को संभाल रखा है. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में अजमेर सरस डेयरी चेयरमैन रामचंद्र चौधरी ने बताया कि अजमेर सरस डेयरी ने दूध की खरीद की दर कम नही की है. जिले की सभी ग्राम दुग्ध उत्पाद सहकारी समिति के माध्यम से अजमेर सरस डेयरी दूध ले रही है. उन्होंने बताया कि जिले में दूध उत्पादन की कोई कमी नही हुई लेकिन लॉक डाउन की वजह से 20 फीसदी दूध की खपत कम हुई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रो में मावा और अन्य उत्पादों के लिए सीधी खरीद भी प्रभावित हुई है. इससे जिले में 50 फीसदी दूध की खपत कम हुई है.

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चौधरी ने बताया कि खपत कम होने से डेयरी दूध पाउडर और घी स्टोरेज कर रहा है. करीब 100 करोड़ के उत्पाद डेयरी ने स्टोरेज किये है. चौधरी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि लॉक डाउन की वजह से पशुआहार फैक्टरी में कच्चा माल नहीं पहुंच रहा था. इससे पशुआहार पशुपालको को महंगा पड़ रहा था. इस वजह से पशुपालक परेशान थे. लेकिन पिछले चार पांच दिनों से स्थिति सामान्य हो गई है.

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उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल पशुपालकों को भुगतान करने में कुछ समस्या आ रही है. आने वाले जून माह से देश और राज्य में समय अच्छा आने वाला है. कोरोना वायरस से लॉकडाउन की वजह से अप्रैल और मई माह में पशु पालकों के लिए कुछ परेशानी है. चौधरी का कहना है कि राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन के बाद कई ऐतिहासिक फैसले लिए हैं इनमें मनरेगा शुरू करवाया जा रहा है. वहीं कई उद्योग भी शुरू होंगे जिससे मोबिलिटी बढ़ेगी और दूध की खपत भी बढ़ेगी. चौधरी ने सरकार से मांग ने विशेष पैकेज की मांग की है.


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