अजमेर.कोरोना वायरस का कहर जारी है. खास बात है कि अधिकतर वहीं लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं, जो पहले से ही किसी ना किसी बीमारी से ग्रस्त है. ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां रखना भी बेहद जरूरी है. खासतौर पर मीट के शौकीन लोगों को खाना-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. जिले में मटन व चिकन की करीब 100 से 150 दुकानें संचालित हैं. रविवार को दुकानों पर काफी भीड़ देखी जा सकती है. अजमेर में मटन और चिकन की खपत भी काफी अधिक होती है. लेकिन, कोरोना महामारी के चलते मौजूदा समय में मटन और चिकन की बिक्री काफी कम हो रही है.
बिगड़ सकती है सेहत...
समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम द्वारा दुकानों पर मटन और चिकन की जांच की जाती है. कुछ क्षेत्र में मटन व चिकन की सप्लाई घर से ही की जाती है, लेकिन वह रजिस्टर्ड नहीं है. ऐसे में दुकानदार जो मटन व चिकन बेच रहा है, वह कितना स्वस्थ है यह बात भी ग्राहकों को पता होना जरूरी है. ग्राहक नगर निगम द्वारा रजिस्टर्ड दुकानों के अलावा किसी और दुकान से मटन और चिकन ना लें, अन्यथा पुराने मटन व चिकन से आपकी सेहत बिगड़ सकती है.
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कितना पुराना है मटन और चिकन?
रेस्तरा संचालक गिरीश कुमार बताते हैं कि रेस्टोरेंट पर ताजा चिकन ही ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाता है. वह 15 से 20 चिकन ही बाजार से खरीदते हैं, जो प्रतिदिन ग्राहकी के अनुसार ही उनके द्वारा मंगवाए जाता है. उन्होंने बताया कि कई बड़े रेस्टोरेंट में फ्रोजन मीट रखते हैं, लेकिन उनके स्वाद में भी बदलाव आ जाता है. ताजा चिकन में मटन का स्वाद कुछ अलग ही होता है. पुराना मटन या एक-दो दिन पुराना मीट व चिकन खाने से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं.