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जायरीनों का इंतजार खत्म, विश्व विख्यात मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह 73 दिन बाद खुली - rajasthan unlock 3.0

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की वजह से 73 दिन के लॉकडाउन के बाद सोमवार सुबह को विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Garib Nawaz) की दरगाह आम जायरीन के लिए खोल दी गई है. इसके साथ ही दरगाह की जियारत करने की हसरत रखने वाले जायरीन गरीब नवाज के दर पर हाजिरी देने आ सकेंगे, लेकिन राज्य सरकार (Gehlot Government) की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना उन्हें करनी होगी.

Ajmer Dargah
जायरीनों में खुशी

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Published : Jun 28, 2021, 9:38 AM IST

अजमेर.सोमवार को अल सुबह ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह आम जायरीन के लिए खोल दिए गए हैं. राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन (Corona Guideline) के अनुसार सुबह दरगाह के खादिम और स्थानीय लोगों ने दरगाह में हाजिरी लगाई और देश-दुनिया से कोरोना महामारी के खात्मे के लिए दुआ की.

दरगाह खुलने के साथ ही अब जायरीन के आने की भी उम्मीदें बढ़ गई हैं, जिससे 73 दिन ठप पड़े कारोबार को भी गति मिलने की उम्मीद है. राज्य सरकार के निर्णय से लोगों में खुशी है. हालांकि, गाइडलाइन के अनुसार दरगाह (Ajmer Dargah) में आने वाले जायरीन फूल, चादर और बाकि चीजें नहीं चढ़ा पाएंगे. इसके अलावा उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा. दरगाह में सैनिटाइजेशन मशीन की व्यवस्था की गई है. वहीं, दरगाह में बिना मास्क के प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

73 दिन के लॉकडाउन के बाद खुली दरगाह...

दरगाह के खादिम सैयद फैसल हुसैन चिश्ती ने बताया कि दरगाह परिसर में कोरोना गाइडलाइन की पालना के लिए दरगाह कमेटी की तरफ से तमाम तैयारियां की गई हैं. उन्होंने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वाले दरगाह खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, अब उनका इंतजार खत्म हुआ. देश और दुनिया में ख्वाजा की सभी चाहने वालों के लिए दरगाह में सुबह दुआ की गई है.

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बता दें कि खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर दरगाह में फूल और चादर चढ़ाए जाने की अनुमति दिए जाने की भी मांग की है. इधर कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए प्रशासन और पुलिस ने भी कमर कस ली है.

सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती कि दुनिया में करोड़ों आशिक हैं. सामान्य दिनों में बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह की जियारत के लिए आते हैं. जायरीन की आवक से व्यापार को भी गति मिलती रही है. 73 दिन से दरगाह बंद होने के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा था. वहीं, कई लोग बेरोजगार हो गए थे. दरगाह खुलने से जहां जायरीन की हाजरी लगाने की मंशा पूरी होगी, वहीं व्यापारियों को भी राहत मिलेगी.

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