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राहुल गांधी की रैली में अजमेर डेयरी भेजेगी 500 ट्रैक्टर और 10 हजार पशुपालक

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को कृषि कानून के विरोध में रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली करेंगे. अजमेर सरस डेयरी राहुल गांधी के ट्रैक्टर रैली के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ 10 हजार पशुपालकों को भेजेगी.

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राहुल गांधी की रैली में अजमेर डेयरी भेजेगी 500 ट्रैक्टर और 10 हजार पशुपालक

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Published : Feb 13, 2021, 1:29 AM IST

अजमेर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को कृषि कानून के विरोध में रूपनगढ़ में ट्रैक्टर रैली करेंगे. अजमेर सरस डेयरी राहुल गांधी के ट्रैक्टर रैली के समर्थन में ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ 10 हजार पशुपालकों को भेजेगी. अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार की ओर से बनाए गए कृषि कानून का विरोध जताते हुए कहा कि यह काला कानून है. उन्होंने केंद्र सरकार से सरकार कृषि कानून वापस लेने की मांग की है.

चौधरी ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में बताया कि इतनी बड़ी संख्या में किसान सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसा आजादी के बाद पहली बार हो रहा है. डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर डेयरी से जुड़े 10 हजार पशुपालक 500 ट्रैक्टर लेकर सभा में शामिल होकर कृषि कानून का विरोध करेंगे. चौधरी ने कहा कि किसानों का आंदोलन 100 दिन चलता है, तो 100 वें दिन राजस्थान दुग्ध उत्पादक समिति की ओर से अजमेर के पटेल स्टेडियम में पशुपालकों की विशाल सभा आयोजित की जाएगी.

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चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियों के चलते किसान ही नहीं, पशु पालक और डेयरी उद्योग को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. घी और दूध पर जीएसटी वसूलने से इनकी कीमतें बढ़ गई हैं. पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. सभी दुग्ध उत्पादन समिति इसका विरोध कर रही हैं. उन्होंने कहा कि पशुपालकों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना भी छलावा साबित हुई है. प्रदेश के 16 लाख पशुपालकों से फॉर्म भरवाए गए थे, लेकिन महज 3 हजार कार्ड ही जारी किए गए. बैंक भी इसको लेकर बहानेबाजी कर रहे हैं.

चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार अजमेर डेयरी का बकाया अनुदान भी नहीं दे रही है. एमएसडी बीमारी का टीकाकरण शुरू किया गया था, लेकिन नकली टीके भेजे गए. 2 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन पशुओं की टैगिंग शुरू नहीं हुई है. पशु सेक्स सीमन भी महंगे दामों पर दिया जा रहा है. पशुपालकों से जुड़े ऐसे कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर पशुपालकों में केंद्र सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है.

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