अजमेर.भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अजमेर की इंटेलिजेंस यूनिट ने भाजपा पार्षद पति रंजन शर्मा के दो दलालों को गुरुवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया. एसीबी कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 22 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है.
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बता दें, मामले में मुख्य आरोपी भाजपा पार्षद पति रंजन शर्मा फरार है. रंजन शर्मा के कहने पर दोनों दलालों ने परिवादी से 2 लाख रुपए लिए थे. इस दौरान पुलिस ने दोनों दलालों को रकम सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया था.
2 लाख रुपए की रिश्वत का मामला अजमेर एसीबी इंटेलिजेंस यूनिट के सीआई पारसमल ने बताया कि अब तक के अनुसंधान में सामने आया है कि पार्षद पति और परिवादी के बीच चल रहे सौदे की जानकारी पार्षद नीतू मिश्रा को भी थी. मिश्रा ने नगर निगम में परिवादी के खिलाफ शिकायत दी थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. परिवादी को कोई नोटिस भी तामील नहीं हुआ.
नगर निगम में शिकायत करके परिवादी पर दबाव बनाया जा रहा था, इस संबंध में विस्तृत जांच की जा रही है. भाजपा पार्षद पति रंजन शर्मा कार्रवाई के बाद से ही फरार है, उसकी तलाश की जा रही है.
बता दें कि अजमेर ACB ने परिवादी की शिकायत पर मांग सत्यापन करने के बाद बुधवार को भाजपा पार्षद पति रंजन शर्मा के दो दलाल देवेंद्र सिंह जादौन और किशन खंडेलवाल को 2 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. परिवादी ने पार्षद पति रंजन शर्मा के खिलाफ ACB में शिकायत दी थी कि वह उसकी पुश्तैनी जमीन को समतलीकरण करवा रहा है.
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इस दौरान पार्षद पति ने उसे धमकी दी कि वह उसके काम को रुकवा देगा और यदि वह उसे 10 प्लॉट अपनी जमीन में से दे तो वह अपनी पत्नी पार्षद नीतू मिश्रा के पार्षद फंड से उस जमीन पर नाली सड़क के कार्य करवा देगा. परिवादी के परिचित प्रॉपर्टी के काम करने वाले कुछ लोगों ने पार्षद पति रंजन शर्मा से बातचीत की और मामला 50 लाखों रुपए में तय हुआ.
इसके बाद परिवादी के कहने पर सौदा 40 लाख में पट गया. तय हुई रकम की पहली किस्त 5 लाख रुपए परिवादी को आरोपी पार्षद पति रंजन शर्मा को देनी थी. परिवादी ने रुपए का इंतजाम नहीं होने का हवाला देकर 2 लाख रुपए देने के लिए कहा. जीटीए चौराहे पर रकम देने की बात तय हो गई.
इससे पहले एक परिवादी ने ACB को आरोपी पार्षद पति रंजन शर्मा के खिलाफ शिकायत दी थी जिसका मांग सत्यापन एसीबी ने कर लिया था. आरोपी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए एसीबी ने परिवादी की मदद से जाल बिछाया था, लेकिन पार्षद पति रंजन शर्मा को इसकी भनक लग गई और वह मौके पर नहीं आया. एसीबी इंटेलिजेंस यूनिट के सीआई पारसमल ने बताया कि पार्षद पति रंजन शर्मा को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं, भाजपा पार्षद नीतू मिश्रा की भूमिका भी जांच के दायरे में है.