अजमेर.कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के कारण राजस्थान में लॉकडाउन लगाया गया है. जरूरी चीजों की बिक्री के लिए ही निश्चित समय के लिए गाइडलाइन की पालना के साथ दुकानें खोलने के आदेश दिए गए हैं. लेकिन सब्जी और फल मंडी में दुकानों पर गाइडलाइन की पालना नहीं हो रही है. ऐसे में इसे लेकर कोई खास निर्णय पर विचार चल रहा है.
फल-सब्जी की सप्लाई से राहत
अजमेर में ब्यावर रोड स्थित फल और सब्जी मंडी के संचालन से शहर और देहात क्षेत्रों में बराबर सप्लाई पहुंचने से लोगों को राहत मिल रही है. कोरोना काल में बीमारी से लड़ने के लिए व्यक्ति की इम्युनिटी पावर मजबूत होनी चाहिए. ऐसे में पौष्टिक भोजन की आवश्यकता रहती है. जिसके लिए भोजन में सब्जियां और फल महत्वपूर्ण हैं. कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन में सरकार ने फल और सब्जी मंडियों को लॉकडाउन से मुक्त रखा है.
पढ़ें:Special: लॉकडाउन के कारण किसान परेशान, बिक्री नहीं होने पर जानवरों को सब्जी खिलाने पर मजबूर
कोरोना से बचाव की व्यवस्थाएं चरमराईं
एक निश्चित समय तक मंडियों को खोले जाने की व्यवस्था की गई है. मंडी में सब्जियां और फलों की सप्लाई चेन बराबर बनी हुई है. लेकिन इसके खुलने के निर्धारित समय में आसपास के क्षेत्र के लोग किलो-दो किलो सब्जियां लेने पहुंच जाते हैं. इस कारण मंडी में फुटकर सब्जी विक्रेताओं का जमावड़ा लग रहा है. इससे मंडी में कोरोना से बचाव की व्यवस्थाएं चरमरा रही हैं. प्रशासन अब मंडी को तीन दिन बन्द रखने पर विचार कर रहा है.
मंडी बंद रखने से बढ़ेंगे भाव
प्रशासन की मंशा मंडी को तीन दिन बंद रखकर कोरोना संक्रमण को रोकने की है, लेकिन मंडी बंद होने से लोगों की परेशानी भी बढ़ जाएगी. इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है. मंडी बन्द रहने से फल और सब्जी की सप्लाई चेन टूट जाएगी. इसका असर सब्जियों के भाव पर पड़ेगा. मंडी में फल और सब्जियों के अलग-अलग भाव हैं. रिटेल में फल सब्जियों के भाव 60 फीसदी तक बढ़ जाते हैं. आमजन की जेब पर इसका असर पड़ता है. इस समय फल-सब्जी उगाने वाले किसानों की बिक्री बढ़ गई है.
3 दिन मंडी बंद रहने से रोजगार पर पड़ेगा असर