अजमेर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि आगामी 5-6 वर्षो में बीसलपुर में भविष्य की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त पानी मिलने के कार्य का क्रियान्वयन होगा. पंत ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने नोनेरा और उसके आगे के लिंक से बीसलपुर में पानी की आवक बढ़ाने को लेकर 9 हजार 600 करोड़ का प्रवधान रखा है. जल संसाधन विभाग इस कार्य में जुटा हुआ है.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भू जल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांशु पंत गुरुवार को अजमेर में थे. यहां उन्होंने अजमेर संभाग के 4 जिलों के पीएचईडी विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में चारों जिलों में जल जीवन मिशन को लेकर चल रही योजना की प्रगति रिपोर्ट को लेकर चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों को जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों को समय पर और बेहतर तरीके से करने के लिए निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि गर्मी के सीजन को देखते हुए पेयजल की सप्लाई सुचारू बनाए रखने के लिए की जा रही तैयारियों को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा हुई.
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बीसलपुर और नोनेरा लिंक कार्य का क्रियान्वयन 5-6 वर्ष में संभव:बैठक के बाद बातचीत में पंत ने बताया कि बीसलपुर के संबंध में सीएम अशोक गहलोत ने बजट घोषणा (Budget announcement for Bisalpur Dam) की है जिसमें नौनेरा और उसके आगे के लिंक हैं. उससे बीसलपुर में पानी की आवक बढ़ाने के लिए 9 हजार 600 करोड़ का प्रावधान किया गया है. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में अभी 5 से 6 वर्ष का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि जयपुर, टोंक और अजमेर की पेयजल योजनाएं बीसलपुर पर आधारित हैं. इसके लिए विभाग ने 8.1 टीएमसी पेयजल के आरक्षण के लिए जल संसाधन विभाग से आग्रह किया है. जल संसाधन विभाग इस पर विचार कर रहा है. पिछले बजट में ही बीसलपुर के लिंक की घोषणा हुई है.
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अजमेर को 48 से 72 घंटे में हो रही है पेयजल सप्लाई: अजमेर की ओर से हमेशा से दावा रहा है कि बीसलपुर परियोजना केवल अजमेर के लिए बनी थी. लेकिन पिछले एक दशक से बीसलपुर से जयपुर को पेयजल सप्लाई दी जा रही है. इस कारण अजमेर को पर्याप्त पेयजल सप्लाई नहीं मिल पा रही. अजमेर में 48 से 72 में पेयजल सप्लाई मिल रही है. जबकि पिछली वसुंधरा संरकार ने अजमेर को 12 घंटे में पेयजल सप्लाई देने के सब्जबाग दिखाए थे. वहीं गहलोत सरकार में अजमेर को 12 घंटे में पेयजल सप्लाई मिलने की दिशा में कोई कार्य योजना नहीं बनी. अब गर्मी का सीजन शुरू हो गया है, ऐसे में अब पानी की मांग भी बढ़ेगी.