अजमेर. सार्वजनिक निर्माण विभाग के डिविजनल अकाउंट ऑफिसर अनिल दायमा को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने बुधवार को ठेकेदार से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार (ACB team arrested divisional accountant) किया. दायमा ने 10 हजार रुपए की रिश्वत की राशि ठेकेदार से पुराना बिल पास करने की एवज में ली थी. आरोपी के कार्यालय, घर सहित अन्य ठिकानों पर एसीबी की कार्रवाई जारी है. अनिल दायमा को अजमेर एसीबी ने गुरुवार को एसीबी कोर्ट में पेश किया. जहां से आरोपी दायमा को 6 अगस्त तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है।
अजमेर में एसीबी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि ठेकेदार ने शिकायत दी थी कि पुराने बिल के भुगतान करने की एवज में डिविजनल अकाउंटेंट ऑफिसर अनिल दायमा रिश्वत की डिमांड करते हुए उसे परेशान कर रहे हैं. शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने बुधवार को आरोपी डिविजनल अकाउंटेंट को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया. इसमें आरोपी डिवीजन अकाउंटेंट अनिल दायमा परिवादी से 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार हो गए.
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आरोपी ने 10 हजार रिश्वत की मांग की: उन्होंने बताया कि आरोपी अनिल दायमा सार्वजनिक निर्माण विभाग में अजमेर में नगर खंड कार्यालय में डिविजनल अकाउंटेंट के पद पर तैनात है. ठेकेदार के बिल का भुगतान करने की एवज में उसने आधा प्रतिशत कमीशन के रूप में 10 हजार रुपये की डिमांड की थी. उन्होंने बताया कि पुलिस निरीक्षक मीरा बेनीवाल और उनकी टीम ने ट्रैप की कार्रवाई करते हुए जयपुर के झोटवाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र में कालवाड़ रोड में ब्रिज मंडल कॉलोनी निवासी अनिल दायमा को गिरफ्तार किया. एसीबी के एएसपी सतनाम सिंह ने बताया कि आरोपी के निवास और अन्य ठिकानों की तलाशी ली जा रही है. उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज करके मामले में अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा. जानकारी में सामने आया है कि आरोपी डिविजनल अकाउंटेंट अनिल दायमा परिवादी ठेकेदार से 43 लाख रुपए के बिल भुगतान करने की एवज में आधा प्रतिशत राशि की डिमांड कर रहा था. राशि नहीं मिलने पर भुगतान को अटका रखा था. एसीबी आरोपी की चल और अचल संपत्ति के बारे में भी जांच कर रही है.