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छात्र संघ चुनाव 2019: अजमेर के MDSU में ABVP के पैनल ने भरा नामांकन

अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में एबीवीपी ने अध्यक्ष सहित चारों पदों पर नामांकन दाखिल कर दिया है. इसके साथ ही अब एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच सीधा मुकाबला देखा जा रहा है.

ABVP panel filed nomination at MDS University IN AJMER

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Published : Aug 22, 2019, 5:58 PM IST

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में एबीवीपी ने अध्यक्ष सहित चारों पदों पर नामांकन दाखिल कर दिया है. यूनिवर्सिटी में सीधा मुकाबला एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच होगा. एबीवीपी ने इस बार अपने पैनल में छात्राओं के प्रतिनिधित्व को जगह नहीं दी है. एबीवीपी के पैनल से ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की.

MDS यूनिवर्सिटी में ABVP के पैनल ने भरा नामांकन

अजमेर में एमडीएस यूनिवर्सिटी में एबीवीपी छात्र संगठन से अध्यक्ष सहित चारों पदों के लिए नामांकन दाखिल किए गए हैं. अध्यक्ष पद पर रामेश्वर छाबा उपाध्यक्ष पद पर दिनेश चौधरी महासचिव पद पर प्रदीप सिंह यादव और संयुक्त सचिव पद पर प्रभास पुरी गोस्वामी ने अपना नामांकन दाखिल किया है. एबीवीपी ने अपने पैनल की घोषणा एनएससीआई से पहले ही कर दी थी.

पढ़ें: छात्र संघ चुनाव 2019: MLSU में एबीवीपी के बागी मोहित शर्मा ने NSUI से भरा नामांकन

एबीपी से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रामेश्वर छाबा जीसीए कॉलेज से छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं और अब यूनिवर्सिटी में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में रामेश्वर छाबा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में छात्राओं के छात्रावास को लेकर बड़ी समस्या है. छाबा ने बताया कि एबीपी साल भर सक्रिय रहती है और विद्यार्थियों की मांग समय-समय पर उठाती है यही सक्रियता सफलता की सीढ़ी तक पहुंचाएगी.

एबीपी से महासचिव के उम्मीदवार प्रदीप सिंह यादव ने बताया कि पीजी में विद्यार्थियों के लिए कम सीटें होती है. वहीं अनेक मुद्दे हैं जिन को लेकर एबीपी के कार्यकर्ता संघर्ष करते आए हैं. बता दें कि एबीवीपी छात्र संगठन ने यूनिवर्सिटी में छात्राओं के छात्रावास को चुनावी मुद्दा बनाया है लेकिन पैनल में छात्रा को प्रतिनिधित्व नहीं दिया है. एबीवीपी के उम्मीदवार वादे और इरादे बता रहे हैं.

अब देखने वाली बात यह होगी कि किसके दावे और इरादे विद्यार्थियों को प्रभावित कर पाते हैं. बता दें कि यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधा मुकाबला है. मुकाबला रोचक बनने के साथ ही नामांकन के दिन ही दोनों प्रमुख दलों के समर्थक आमने-सामने हो गए बमुश्किल पुलिस ने समर्थकों को नियंत्रित किया. कई बार टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई लेकिन पुलिस की मौजूदगी की वजह से टकराव टल गया.

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