अजमेर. कोरोना महामारी की दूसरी लहर की चेन तोड़ने के लिए पुलिस के जवान बेवजह घूम रहे लोगों को रोक कर उन्हें सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं, जिसका खामियाजा पुलिस के जवानों को भी उठाना पड़ रहा है. अजमेर यातायात पुलिस में शहर और ग्रामीण सर्किल में 9 जवान कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं जबकि गुरुवार को 1 हेड कांस्टेबल की इलाज के दौरान मौत हो गई.
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अजमेर यातायात पुलिस की शहर और ग्रामीण सर्किल में करीब 150 नफरी है. जन अनुशासन पखवाड़े में सभी की ड्यूटी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को समझाने और अनुशासन तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में लगी हुई है. इस दौरान बेपरवाह लोग फिर भी बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे लोग ना तो खुद को सुरक्षित रख रहे हैं बल्कि दूसरों को भी संक्रमित कर रहे हैं.
सड़कों पर आमजन की सुरक्षा के लिए खड़े पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. खासकर यातायात पुलिसकर्मियों को ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. हालांकि, पुलिस महकमे ने सड़कों पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के लिए तमाम इंतजाम कर रखे हैं. पुलिसकर्मियों को मास्क, सैनिटाइजर और इम्यूनिटी बूस्टर की दवाइयां दी गई है. इसके अलावा जिला स्तर पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य निगरानी के लिए भी एक टीम बना रखी है. लेकिन ड्यूटी के दौरान सड़कों पर बेवजह घूम रहे लोगों से संपर्क में पुलिस के जवान आ रहे हैं.
अजमेर यातायात पुलिस के उप अधीक्षक पार्थ शर्मा ने बताया कि पुलिस लाइन में तैनात हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह को मौखिक आदेश से यातायात पुलिस में लगाया गया था. कुछ दिनों से उनकी तबीय खराब होने से घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया गया था. गुरुवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे जेएलएन अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया.
जानकारी के मुताबिक अजमेर शहर यातायात पुलिस सर्किल में 2, ग्रामीण सर्किल में पुष्कर में एक, मांगलियावास में एक, गेगल में एक और पीसांगन में 4 यातायात पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव आए हैं. जबकि पुलिस लाइन में 20 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हैं.