अजमेर.कोरोना महामारी के बीच केंद्र सरकार की ओर से किए गए लॉकडाउन में अधिकांश ट्रेनों के चक्के जाम रहे. हालांकि, इस बीच कुछ स्पेशल ट्रेनें श्रमिकों के लिए संचालित हुई, लेकिन आमजन के लिए रेल यात्रा कर पाना संभव नही रहा. इन दिनों प्लेटफार्म पर ट्रेनें दिखती तो है पर सिर्फ खड़ी हुई. स्टेशन पर यात्रियों की चहल-पहल पर कोरोना महामारी ने एकदम से ब्रेक लगा दिया है. अब देश मे लॉकडाउन-4.0 की शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने लंबे लॉकडाउन के बाद अब 200 ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है.
200 ट्रेनों में से 9 ट्रेनें अजमेर मंडल में होगी संचालित देश की लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेल पर कोरोना का ग्रहण लग चुका है. इस संकट की स्थिति में भारतीय रेल लाइन उन श्रमिकों को अपने घर पहुंचा रही है, जो लॉकडाउन में अपने गृह राज्य से दूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए है. वहीं, धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर की बात करें तो पुष्कर में जगतपिता ब्रह्मा और अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालु अधिकांश ट्रेन से यात्रा कर अजमेर आते हैं. यही वजह है कि अजमेर रेलवे स्टेशन देशभर में सबसे व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में शुमार है. धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर का रेलवे स्टेशन हमेशा से ही रेलयात्रियों की चहल-पहल से आबाद रहा है.
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बता दें कि अजमेर रेलवे स्टेशन पर 5 प्लेटफार्म है. कुल पांचों प्लेटफार्म पर 24 घंटे में लगभग 70 ट्रेनों का ठहराव होता है. वर्तमान में पांचों प्लेटफार्म पर ट्रेन के खाली डिब्बे और इंजन ही खड़े दिखाई देते है. रेलवे स्टेशन के भीतर का आलम यह है कि जैसे उसको सांप सूंघ गया हो. इन पांचों प्लेटफार्म पर एक भी व्यक्ति दिखाई नहीं देता. वहीं, वेंडर्स की चहलकदमी भी बंद हो चुकी है, वेटिंग रूम भी खाली पड़े हैं. टिकट खरीदने के लिए लगने वाली लंबी कतारें इन दिनों ना जाने ना जाने कहा खो गई है. कभी यात्रियों को लाने ले जाने के लिए आटो चालकों का जहां मचमच लगा रहता था, वहीं आटो और टैक्सी स्टैंड भी खाली पड़ा हुआ है.
इन दिनों रेलवे स्टेशन के बाहर दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता. सब कुछ सुना-सुना सा हो गया है, ना 'चाय-चाय' की आवाज आती है और ना ही ट्रेनों के हॉर्न बजते है, कोरोना ने सब कुछ बदल कर रख दिया है. अजमेर रेलवे स्टेशन का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है. इसकी ऐतिहासिक इमारत ने पहली बार ऐसा मंजर देखा होगा, जब प्लेटफार्म पर ट्रेनें तो खड़ी है लेकिन उनमें सफर करने के लिए एक भी यात्री नहीं है. लंबा लॉकडाउन अंतराल बीत चुका है. इस बीच अब रेलवे स्टेशन पर कुछ यात्रियों के आवागमन की उम्मीद बनी है. वहीं, केंद्र सरकार की ओर से संचालित की जा रही 200 ट्रेनों में से 9 ट्रेनें अजमेर मंडल में संचालित होगी. इसके लिए टिकट काउंटर खोले गए है, लेकिन अजमेर मंडल ई-टिकटिंग पर ज्यादा जोर दे रहा है. जाहिर है कि कोरोना का संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है.
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इसके साथ ही अजमेर रेल मंडल ट्रेनों के संचालन की कार्य योजना तैयार कर चुका है, लेकिन सबसे ज्यादा आवश्यक है, कोरोना संक्रमण को लेकर जारी की गई गाइडलाइन की पालना करवाना. ट्रेनों के संचालन के साथ गाइडलाइन की पालना करवाना अजमेर रेल मंडल के लिए एक चुनौतीपूर्ण भरा कार्य होगा. क्योंकि, रेलवे स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की जिम्मेदारी भी अब अजमेर रेल मंडल के कंधों पर ही होगी. वहीं, मास्क की अनिवार्यता को लेकर यात्रियों पर नजर ठीक उसी तरह रखनी होगी, जैसे बिना टिकट रेल में यात्रा करने वाले लोगों पर रहती है. लंबे समय से सुनसान पड़ा अजमेर रेलवे स्टेशन अब अपनी चुप्पी तोड़ने को बेकरार है.