अजमेर. साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह हर मजहब और संप्रदाय से जुड़े लोगों के लिए खुली है. अमीर और गरीब, सभी के लिए ख्वाजा का दर हमेशा खुला रहता है. इन सबके बीच ख्वाजा गरीब नवाज के चाहने वालों में किन्नर भी शामिल हैं. देश के कोने-कोने से किन्नरों ने उर्स के अवसर पर (Transgenders Reached Ajmer for Ziyarat) अपना डेरा जमा लिया है. कई होटल गेस्ट हाउस किन्नरों की वजह से आबाद हैं.
अपने चिरपरिचित अंदाज की वजह से किन्नर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. शुक्रवार को बैंड बाजे की धुन और ढोल धमाकों के साथ नाचते-गाते बड़ी संख्या में किन्नर (Ajmer Urs Latest News) जियारत के लिए दरगाह पंहुचे. दरगाह बाजार में किन्नरों को देखने के लिए लोगों का हुजूम लग गया. किन्नरों के नाच को लोग अपने मोबाइल में कैद करते नजर आए. दरगाह क्षेत्र में किन्नरों की चहलपहल काफी बढ़ गई है.
अजमेर में उर्स का नजारा... पढ़ें :ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 810वां उर्स: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से दरगाह पर पेश की गई चादर
चांदी का कलश करते हैं पेश...
लोगों के खुशी के मौके पर खर्ची लेने वाले यह किन्नर लोगों के लिए दुआएं करते हैं. अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज में आस्था, विश्वास और मोहब्बत की बंधी डोर उन्हें हर वर्ष सालाना उर्स पर अजमेर खींच लाती है. उर्स के मौके पर वर्षों से किन्नर दरगाह आते रहे हैं. दरगाह में किन्नरों की ओर से चादर, फूल के साथ चांदी का कलश (Transgenders Offers Silver Urn in Ajmer Dargah) भी भेंट किया जाता है. वहीं, किन्नर दरगाह में सभी अकीदतमंदों की खुशहाली के लिए दुआएं करते हैं.
पढ़ें :अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 810वां उर्स, हजारों अकीदतमंदों ने अदा की जुम्मे की नमाज
पढ़ें :Ajmer Sharif 810th Urs : 809 वर्ष पहले शुरू की गई इस परंपरा को आज भी निभा रहे मलंग, कुछ यूं दिखाते हैं हैरतअंगेज कारनामे