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Ajmer Dargah Urs 2022 : जुम्मे की नमाज में खुदा के आगे झुके हजारों सिर, अकीदतमंदों ने मांगी खुशहाली की दुआ - Communal Harmony in Ajmer Sharif 810th Urs

अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 810वां उर्स (810th Urs of Khwaja Moinuddin Chishti) मनाया जा रहा है. 6 दिन के उर्स के दौरान पहला जुम्मा आज है. जुम्मे की विशेष नमाज दरगाह परिसर में मौजूद शाहजानी मज्जिद से अदा की गई, जहां हजारों अकीदतमंदों ने जुम्मे की नमाज अदा की.

810th Urs of Khwaja Moinuddin Chishti
अकीदतमंदों ने अदा की जुम्मे की विशेष नमाज

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Published : Feb 4, 2022, 2:22 PM IST

Updated : Feb 5, 2022, 2:05 PM IST

अजमेर. राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 810वां उर्स (810th Urs of Khwaja Moinuddin Chishti) मनाया जा रहा है. 6 दिन के उर्स के दौरान पहला जुम्मा आज है. जुम्मे की विशेष नमाज दरगाह परिसर में मौजूद शाहजानी मज्जिद से अदा की गई. जुम्मे की विशेष नमाज में दरगाह में उर्स पर हाजिरी देने आए हजारों अकीदतमंदों ने नमाज अदा की. खास बात यह कि कोरोना महामारी की वजह से इस बार भी जायरीन की तादाद कम ही रही.

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ख्वाजा गरीब नवाज के 810वां उर्स के मद्देनजर अजमेर दरगाह आए हजारों अकीदतमंदों ने शुक्रवार को जुम्मे की विशेष नमाज (offered special prayers of Jummah in Ajmer Sharif) अदा की. नमाज से दो घंटे पहले ही नमाजी अपनी जगह बनाने में जुट गए. 1 बजकर 5 मिनट पर नमाज शुरू हुई. नमाज के बाद सभी अकीदतमंदों ने मुल्क में अमनचैन खुशहाली, भाईचारे के साथ कोरोना के देश और दुनिया से खात्मे की दुआ मांगी.

नमाज से दो घंटे पहले ही नमाजी अपनी जगह बनाने में जुट गए और 1 बजकर 5 मिनट पर नमाज शुरू हुई. कतार में बैठे हजारों नमाजियों ने खुदा के आगे अपना सिर झुका दिया. शहर काजी तौसीफ अहमद सिद्दकी ने नमाज अदा करवाई. देश के कोने-कोने आए जायरीन के लिए जुम्मे की नमाज अदा करना काफी उत्साहजनक रहा. अकीदतमंदों के चेहरे पर इसकी खुशी साफ झलक रही थी. नमाज के लिए अकीदतमंदों की कतारें दरगाह से कुछ दूर धानमंडी पहुंच गई.

अकीदतमंदों ने अदा की जुम्मे की नमाज...

इस दौरान साम्प्रदायिक सद्भाव की झलक भी देखने को मिली. दरगाह बाजार में दुकानदारों ने नमाजियों के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की. नमाज के बाद बातचीत में मध्यप्रदेश के इंदौर से आए एक अकीदतमंद ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज के दर से वर्षों पुराना नाता है. यहां आकर दिल को सुकून मिलता है. यहां हर मजहब के लोग दरगाह में आते है. साम्प्रदायिक सद्भाव की सबसे बड़ी मिसाल (Communal Harmony in Ajmer Sharif 810th Urs) ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है. यहां से लौटते वक्त अक़ीदत मंद भाईचारा और मोहब्बत का संदेश लेकर लौटते है.

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उन्होंने कहा कि नमाज के बाद सामूहिक रूप से दुआ हुई, जिसमें मुल्क की तरक्की, अमनचैन और भाईचारे की दुआ मांगी गई. इसके साथ ही कोरोना महामारी के खात्मे के लिए भी दुआ की गई. उन्होंने उर्स के मौके पर जायरीन के दरगाह आने की स्वीकृति देने के लिए गहलोत सरकार का शुक्रिया अदा भी किया. यूपी के रामपुर से आए वसीम ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत के लिए वर्षों से वो आते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से रिश्तेदार परिचित नहीं आ पाए.

उन्होंने आगे कहा कि दरगाह में रूहानियत महसूस होती है. यहां दिल को सुकून मिलता है. दरगाह में हर वर्ग हर मजहब के लोग अपनी परेशानियां लेकर आते हैं और झोलियां भर कर वापस जाते हैं. साथ ही ख्वाजा गरीब नवाज का संदेश भाईचारा और मोहब्बत भी अपने साथ ले जाते हैं. नमाज के बाद सभी अकीदतमंदों ने मुल्क में अमनचैन खुशहाली, भाईचारे के साथ कोरोना के देश और दुनिया से खात्मे की दुआ मांगी.

सुरक्षा चाक-चौबंद...
जुमे की नमाज के बाद मद्देनजर पुलिस ने पहले से ही माकूल इंतजाम किए थे. सुरक्षा-व्यवस्था के साथ कोरोना महामारी को लेकर जारी गाइडलाइन की पालना भी पुलिस करवा रही है. खास बात यह है कि जायरीन भी गाइडलाइन की पालना में सहयोग कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 5, 2022, 2:05 PM IST

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