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अजमेर में छठे राज्य वित्त आयोग का संवाद कार्यक्रम, देवली, ब्यावर और भीलवाड़ा निकाय को किया गया सम्मानित

अजमेर में छठे राज्य वित्त आयोग के दो दिवसीय संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम का आयोजन (State Finance Commission interaction program in Ajmer) हुआ. इस दौरान भीलवाड़ा, ब्यावर और देवली निकाय को बेहत्तर काम के लिए आयोग की तरफ से रिवार्ड दिया गया. तीनों निकायों ने अपने कामों से प्रदेश की समस्त निकायों के लिए मिसाल पेश की है. संवाद कार्यक्रम में संभाग की समस्त निकायों के जनप्रतिनिधि, आयुक्त और निकाय के अधिकारी मौजूद रहे.

Bodies of Ajmer Division awarded by state Finance Commission
छठे राज्य वित्त आयोग का संवाद कार्यक्रम

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Published : May 5, 2022, 5:50 PM IST

अजमेर.राज्य वित्त आयोग की ओर से प्रदेश के हर संभाग में संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके माध्यम से आयोग निकायों के कार्यो की समीक्षा के साथ-साथ नवाचारों और आय बढ़ाने को लेकर सुझाव लिया जा रहा है. अजमेर में भी जिला परिषद के सभागार में दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम का समापन गुरुवार को हुआ. संवाद कार्यक्रम के पहले दिन पंचायत राज संस्थाओं के जन प्रतिनिधियों में पंचायत राज अधिनियम के बारे में जानकारी का अभाव नजर आया. जिस कारण आयोग के सदस्य और पूर्व गृह राज्यमंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने जनप्रतिनिधियों को अधिनियम का अध्यन करने की सलाह दी. ताकि निकाय के काम नियमों के अंतर्गत हो सके.

रावत ने संवाद कार्यक्रम में कहा कि वो फौजी रहे हैं, और सेना में गलती के लिए सजा और बेहत्तर (State Finance Commission interaction program in Ajmer) कार्य पर सम्मान दिया जाता है. इसी तर्ज पर अच्छा कार्य करने वाली संस्थाओं और निकायों को सम्मान मिलना चाहिए. वहीं जो संस्थान और निकाय काम नहीं करते उन्हें सजा मिलनी चाहिए. संवाद कार्यक्रम में लैंड बैंकिंग, पट्टा अभियान, नगरीय शुल्क वसूली, कचरा संग्रहण और निस्तारण में आ रही दिक्कतों सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही जनप्रतिनिधियों और निकाय अधिकारियों ने अपने सुझाव भी रखे. संवाद कार्यक्रम में आयोग के सदस्य अशोक लाहौटी और डीएलबी के संयुक्त निदेशक, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गजेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे.

छठे राज्य वित्त आयोग का संवाद कार्यक्रम

तीन निकाय बना मिसाल:संभाग की तीन निकायों ने सीवेज का बेहत्तर काम किया है. इसके साथ ही एसटीपी से मिलने वाले साफ पानी को इंडस्ट्री को बेच कर आय का स्त्रोत खड़ा कर दिया. इनमे अजमेर जिले की ब्यावर नगर परिषद और भीलवाड़ा शहर की नगर परिषद शामिल हैं. वहीं देवली नगर पालिका ने यूडीएच टैक्स वसूली में रिकॉर्ड आय अर्जित कर मिसाल पेश की है.

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लाहौटी ने ये दिया सुझाव:छठे राज्य वित्त आयोग के सदस्य अशोक लाहौटी ने बताया कि संवाद कार्यक्रम के पहले दिन पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चर्चा हुई. वहीं दूसरे दिन नगर निकाय के जनप्रतिनिधियों और निकाय अधिकारियों के साथ निकाय की समस्याओं और उनके कामों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है. ब्यावर भीलवाड़ा और देवली इन इकाइयों के बेहतर काम का उदाहरण भी देखने को मिला है.

लाहोटी ने कहा कि ऐसी नजीर पेश करने वाली निकायों को अगले वर्ष से 5 फीसदी इन्सेंटिव बढ़ाकर दी जाने की अनुशंसा की गई है. संभाग की 32 निकायों की संक्षेप बैठक हुई है. उन्होंने कहा कि निकायों को स्वच्छता, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट में आत्म निर्भर बनने का प्रयास करना चाहिए. निकायों को आय के स्त्रोत बढ़ाने चाहिए और लैंड बैंकिंग के लिए सेटलमेंट विभाग के रिकॉर्ड से मिलान कर सर्वे करवाना चाहिए. देश में जहां कहीं भी नगर पालिकाएं बेहत्तर काम कर रही हैं, उनके प्रयासों को अपनाकर भी सुधार किया जा सकता है.

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अच्छा करने पर रिवार्ड, गलती पर मिले सजा:छठे राज्य वित्त आयोग के सदस्य लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि वो वायु सेना में स्क्वार्डन लीडर रहे हैं, इसलिए दो टूक बात करते हैं. थ्योरी ऑफ रिवार्ड और पनिशमेंट शुरू किया जाना चाहिए. जो निकाय अच्छा काम कर रही है, उन्हें रिवार्ड दिया जाए. जो नहीं कर रही है, उन्हें सजा के तौर पर स्पष्टिकरण मांगा जाए. ऐसी निकायों के बेसिक ग्रांट पर रोक पर भी प्रश्न चिन्ह लग सकता है. आयोग को कई अच्छे सुझाव मिले हैं.

रावत ने कहा कि आने वाले वक्त में सबसे ज्यादा समस्या पार्किंग को लेकर होगी. दिल्ली लाजपत में तो पार्किंग विवाद में मर्डर भी हुए हैं. उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में पार्किंग को लेकर काफी दिक्कतें झेलनी पड़ेगी. रावत ने माना कि रिहायशी क्षेत्र के लिए नक्शा पास करने में निकाय की ओर से सुपर विजन नहीं होता. नक्शे में घर में कार पार्किंग दर्शाई जाती है, लेकिन मौके पर दो स्कूटर खड़े करने की जगह होती. लोग सड़कों पर गाड़ियां पार्क करते हैं. इससे अन्य लोगों को तकलीफ उठानी पड़ती है. उन्होंने कहा जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के मुताबिक पंचायत राज अधिनियम और नगरपालिका अधिनियम के बारे में जानकारी रखनी चाहिए. ताकि वो अपने क्षेत्र में बेहतर काम कर सकें.

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