अजमेर.शहर के तोपदड़ा में 162 साल पुराना अंग्रेजों के जमाने का धोबी घाट है. यहां आज भी धोबी कपड़े धुलते हैं. यह धोबी घाट अंग्रेजों के कपड़े धोने के लिए बनाया गया था. जहां प्रत्येक कुंड के आगे एक पत्थर लगा हुआ है, जिस पर 1857 लिखा हुआ है. लेकिन समय के साथ-साथ यह पत्थर भी घिसकर अब जीर्ण-शीर्ण हो चुका है.
ब्रिटिश काल में अंग्रेजों के कपड़े धोने के लिए तोपदड़ा का 'धोबी घाट' बनाया गया था, जिसके बाद आनासागर में कपड़े धोए जाने लगा. लेकिन समय के साथ कुछ साल पहले आनासागर में कपड़ों की धुलाई बंद हो गई. अब सिर्फ तोपदड़ा स्थित धोबी घाट पर ही गंदे कपड़ों की धुलाई की जाती है. जहां शहरवासियों के कपड़ों की धुलाई होती है. बता दें कि तड़के 4 बजे से ही धुलाई का कार्य शुरू हो जाता है जो रात को 7 बजे तक जारी रहता है.
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साफ-सफाई का अभाव...
धोबीघाट को आनासागर से तोपदड़ा स्थानांतरण तो कर दिया गया, लेकिन यहां किसी तरह का विकास कार्य नहीं कराया गया. जहां धोबी घाट के चारों और साफ-सफाई का काफी अभाव है. यहां कपड़ों की धुलाई से निकलने वाले पानी की निकासी की व्यवस्था भी नहीं है, जिसके कारण वह पानी आसपास ही एकत्र हो जाता है, जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
सुविधाओं का अभाव...