अजमेर. कहते हैं हर शख्स में कोई न कोई प्रतिभा होती है. जरूरत है उस प्रतिभा को पहचाने की और उसे तराशने की. उसके बाद प्रतिभा को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता. 9 वर्ष की आयु में किताब लिखकर सबसे कम उम्र की लेखिका बनने का गौरव हासिल कर चुकी अजमेर की बेटी अदिति ने इस बार अपने नन्हे हाथों से बड़ा हुनर पेश किया है. रिपोर्ट देखिये...
अदिति का यह काम बेहद कमाल है. भूली बिसरी यादों में बसी 1940 से 50 के दौर की सुप्रसिद्ध अदाकाराओं को अदिति ने कैनवास पर उकेर उन्हें जीवंत कर दिया. अजमेर के हुनरमंद लोगों में अदिति कल्याणी सबसे कम उम्र की है. 9 साल की उम्र में खिड़की से रोज बिल्लियों को देखते हुए उसने किताब लिख डाली थी. उनके इस हुनर की वजह से वह सबसे कम उम्र की लेखिका का सम्मान प्राप्त कर चुकी है. लेकिन अदिति यहीं नहीं रुकी. यह तो परवाज का आगाज था, आसमान अभी बाकी था.
तीन साल से कर रही स्कैचिंग
13 वर्ष की अदिति को जानने वाले कहते हैं कि वह बहुमुखी प्रतिभा की धनी है. इस बात को अदिति ने साबित भी किया है. तीन वर्षों से अदिति स्कैचिंग कर रही है. अपनी प्रतिभा के दम पर अदिति ने स्कैच की एक ऐसी सीरीज तैयार की है जिसकी उम्मीद बड़े कलाकारों से ही की जा सकती है. अदिति कल्याणी ने अपने नन्हे हाथों से 1940 से 1950 के दशक की लगभग सभी प्रमुख सिने अदाकाराओं को सम्मान देते हुए उनके स्कैच तैयार किये हैं.
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अभिनेत्रियों के संघर्ष को समर्पित कला
उस दौर में हर एक्ट्रैस की अपनी अदा थी जिससे उन्हें पहचान मिली. अदिति कल्याणी ने अपने हुनर से कागज पर स्कैच बनाकर न केवल अभिनेत्रियों की खूबसूरती को उकेरा बल्कि उनके अंदाज को भी नन्ही तूलिका से आकार दिया. आदिति कहती हैं कि इन सभी अभिनेत्रियों ने भारतीय सिनेमा की शुरूआत में ऐसे दौर में काम किया जब महिलाओं को इतनी आजादी नहीं मिलती थी. महिलाओं को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था और शिक्षा से भी वह वंचित ही रहती थी. ऐसे दौर में इन महान अदाकाराओं ने रूढ़ीवादी बंदिशों को तोड़ा और सिनेमा जगत में अपना विशेष मुकाम बनाया. इनमें से कई एक्ट्रैस ऐसी थीं जिन्होंने सिर्फ अदाकारी ही नहीं दिखाई, बल्कि वे गायन, फिल्म निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में भी अग्रणी रहीं. ये स्कैच उनकी यादों को दर्शाते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं.