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ऐसे जज्बों के कारण ही लोकतंत्र होता है मजबूत, शरीर में 10 जगह फ्रैक्चर के बाद भी प्रकाश ने डाला वोट - Pushkar Municipality Election

चुनाव कोई भी हो उसे लोकतंत्र का उत्सव माना जाता है. मतदान के लिए दिख रहे उत्साह के बीच कुछ ऐसे भी नजारे देखने को मिले जो आम मतदाताओं के लिए मिसाल है. पुष्कर के बूथ संख्या 4 में मतदान के लिए आए प्रकाश पाराशर के जज्बे को देखकर लोग भी हैरान थे. दरअसल, प्रकाश के शरीर में जगह-जगह हड्डियों में 10 फ्रैक्चर है, लेकिन इसके बावजूद भी पाराशर ने मतदान किया.

हड्डियों में 10 फ्रैक्चर के बाद किया मतदान, Vote after 10 fracture in bones

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Published : Nov 16, 2019, 9:42 PM IST

अजमेर. चुनाव कोई भी हो उसे लोकतंत्र का उत्सव माना जाता है. इसमें सभी मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित हो यहीं लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती है. पुष्कर नगर पालिका चुनाव में मतदान को लेकर मतदाताओं में काफी उत्साह का माहौल रहा. मतदान के लिए दिख रहे उत्साह के मध्य नजर कुछ ऐसे भी नजारे देखने को मिले जो आम मतदाताओं के लिए मिसाल है.

शरीर में जगह-जगह हड्डियों में 10 फ्रैक्चर, फिर भी मतदान करने का जज्बा

पुष्कर नगर पालिका चुनाव में मतदान के बीच ऐसे कई नजारे सामने आए जो आम मतदाताओं के लिए नजीर रहा. पुष्कर के बूथ संख्या 4 में मतदान के लिए आए प्रकाश पाराशर के जज्बे को देखकर लोग भी हैरान थे. दरअसल, प्रकाश के शरीर में जगह-जगह हड्डियों में 10 फ्रैक्चर है, लेकिन इसके बावजूद भी पाराशर ने एंबुलेंस से पहुंच कर मतदान किया.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: अजमेर में 103 साल की महिला ने किया मतदान

बता दें कि मतदाता प्रकाश पाराशर के पैर और पसलियों में कई फैक्चर हैं. चलना-फिरना तो दूर प्रकाश पाराशर बैठ भी नहीं पाते हैं. इतना होने के बावजूद प्रकाश का जज्बा काबिले तारीफ है. लोकतंत्र के उत्सव नगर पालिका चुनाव में अपनी भागीदारी निभाने के लिए प्रकाश पाराशर ने अपने शरीर पर लगी चोटों की परवाह किए बिना मतदान किया. प्रकाश पाराशर के इच्छा के अनुरूप उनके परिजन उन्हें एंबुलेंस के जरिए मतदान स्थल पर लेकर पहुंचे. जहां स्ट्रेक्चर के जरिए उन्हें पोलिंग बूथ तक ले जाया गया, जहां उन्होंने मतदान किया.

ईटीवी भारत से बातचीत में प्रकाश पाराशर ने कहा कि छत से गिरने की वजह से उनके शरीर में जगह-जगह फ्रैक्चर है. उन्होंने बताया कि शरीर में 10 जगह से उनकी हड्डियां टूटी हुई है और वह चलना-फिरना तो दूर बैठ भी नहीं पाते हैं. वहीं, उन्होंने मतदान करने आए के सवाल पर कहा कि यह लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है और उन्हें भी इस उत्सव में अपनी भागीदारी निभाने का मौका मिला है.

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