धौलपुर. वर्तमान समय में प्रदूषण की समस्या सबसे बड़ी ज्वलंत समस्याओं में से एक है. ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को लेकर सरकार अनेक प्रकार की योजनाएं संचालित कर प्रदूषण और उसके दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम को कम करने के लिए कार्य कर रही है. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बताया कि जिले की 175 ग्राम पंचायतों में प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए 35 लाख रुपए की राशि से कचरा प्रबंधन केंद्र बनाकर ठोस एवं तरल कचरे का रिसाइकल कर उपयोग करने के लिए खाद्य एवं अन्य पदार्थों प्लास्टिक आदि का उपयोग किया जा सकेगा. गांव गांव से ठोस एवं तरल कचरे को इकट्ठा करने के लिए कचरा इकट्ठा करने वाला वाहन लगवाया जाएगा, जिससे गांव में प्लास्टिक बेस्ट आदि से निजात मिलेगी. नालियों की साफ सफाई आदि कार्य हो सकेंगे, जिससे बीमारियों के बढ़ने की आशंका को कम किया जा सकेगा.
ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन
जनसंख्या वृद्धि और प्रचंड उपभोक्तावाद के कारण प्राकृतिक संसाधनों का दोहन अपने चरम पर है. हमारे सामने पर्यावरण को बचाए रखने का महत्वपूर्ण दायित्व है. जब पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के मुद्दे पर एकजुट हो रही हो तब एक मनुष्य और समाज के रूप में हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी प्रकृति के साथ तारतम्यता बनाकर जीना है और उसी के मुताबिक अपनी जीनशैली को ढालना है. कचरा प्रबंधन इस दिशा में उठाया गया बेहतरीन कदम साबित हो रहा है. कचरा निस्तारण, रिसाइक्लिंग, कचरे से ऊर्जा उत्पादन इन सभी को कचरा प्रबंधन या वेस्ट मैनेजमेंट कहा जाता है. रिसाइक्लिंग से कई उपभोक्ता वस्तुएं बाजार में दोबारा उपलब्ध हो जाती है जो कि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में कमी ला रही है. एल्युमिनियम, तांबा, स्टील, कांच, कागज और कई प्रकार के प्लास्टिकों की रीयासक्लिंग की जा सकती है.
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धातुओं की रिसाइक्लिंग करने से मांग के अनुरूप कई वस्तुएं बाजार में उपलब्ध हो जाती है और खनन में कमी आती है. कागज को रिसाइकल कर कम से कम उतने और पेड़ों को तो कटने से रोका जा सकता है. वहीं कचरा निस्तारण में घरों से निकले आर्गेनिक कचरे को बायो कंपोस्ट और मीथेन गैस में बदल कर लोगों द्वारा उपयोग किए गए खाद्य पदार्थों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है. मीथेन गैस जहां ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है. वहीं जैविक खाद मिट्टी की ऊर्वरता को स्वाभाविक रूप से बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है. यह किसानों की कृत्रिम खाद पर निर्भरता को भी कम करती है. जैविक खाद से बने उत्पादों की बाज़ार में अच्छी खासी कीमत मिलती है.