जयपुर. मानसून के दौरान जयपुर का सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय पर्यटन स्थल नाहरगढ़ फोर्ट पिछले 5 दिनों से सैलानियों के लिए बंद है. दरअसल, 14 अगस्त को जयपुर में भीषण बारिश के बाद नाहरगढ़ के रास्ते में हल्की चट्टानें फिसलकर रोड तक आ गई थी. उसके बाद पुलिस ने एहतियात के तौर पर नाहरगढ़ में पर्यटकों का आवागमन बंद कर दिया था.
रास्ता बंद होने से नाहरगढ़ फोर्ट पर नहीं पहुंच पा रहे पर्यटक बत दें कि नाहरगढ़ पहुंचने के दो रास्ते हैं. एक वाहनों से जाने का रास्ता, जो कनक घाटी होकर जाता है. इस पर चट्टानें गिरने की घटना हुई है. वहीं, दूसरा पैदल जाने का रास्ता है, जो ब्रह्मपुरी से ऊपर नाहरगढ़ के लिए जाता है. पुलिस ने इन दोनों ही रास्तों को पिछले 5 दिनो से बंद कर रखा है.
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गौरतलब है कि 14 अगस्त की बारिश के बाद जहां राजधानी में हर जगह जेडीए और आपदा प्रबंधन की टीम ने खराब हुई सड़कों और रास्तों को दुरुस्त किया है. वहीं, नाहरगढ़ को लेकर अभी तक उदासीनता बरती जा रही है, जबकि नाहरगढ़ फोर्ट वाला रास्ता पूरी तरह से वन क्षेत्र है. वन विभाग की अनदेखी के चलते 5 दिनों से रास्ता बंद पड़ा है. वहीं, पर्यटन के लिहाज से नाहरगढ़ इस समय राजधानी जयपुर के साथ ही प्रदेश के सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है.
जिस तरह से सरकार पर्यटन को कोविड-19 के दौर में मुख्यधारा में लाना चाहती थी, उसमें आमेर से भी ज्यादा अहम भूमिका नाहरगढ़ निभा रहा है. ऐसे में नाहरगढ़ फोर्ट के अधीक्षक ने पुरातत्व विभाग के निदेशक को पत्र लिखा है. वहीं, नाहरगढ़ स्थित पड़ाव रेस्टोरेंट के प्रभारी ने भी पर्यटन निगम के कार्यकारी निदेशक को पत्र लिखकर रास्ता खुलवाने की गुहार लगाई है. दरअसल, पीक सीजन में नाहरगढ़ को बंद करने से पर्यटन निगम को रोजाना 10 लाख रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. साथ ही पुरातत्व विभाग को भी अच्छी खासी आय से हाथ धोना पड़ रहा है.
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वहीं, पुलिस पर्यटकों को नाहरगढ़ जाने से रोक रही है, जिससे पर्यटकों में भी निराशा का माहौल है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नाहरगढ़ फोर्ट पर जाने वाले रास्ते का जायजा लिया गया है. गुरुवार से रास्ता खुलवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. नाहरगढ़ फोर्ट पर जाने-वाले रास्ते में जगह-जगह पर पहाड़ की चट्टाने पड़ी हुई है. रास्ते से पत्थरों को हटाया जाएगा. इसके बाद पर्यटकों के लिए नाहरगढ़ फोर्ट का रास्ता खोला जाएगा.