भीलवाड़ा.जिले के शाहपुरा कस्बे में स्थित अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के रामनिवास धाम में फूलडोल महोत्सव का आज समापन हुआ. आचार्यश्री रामदयाल महाराज का चार्तुमास इस बार शाहपुरा में होगा. कोरोना के चलते इस बार रामस्नेही संप्रदाय के अनुयाई नहीं पहुंचे और स्थानीय भक्तों की मौजूदगी में ही कार्यक्रम का आयोजन हुआ. महाराज श्री के शाहपुरा में ही चातुर्मास की घोषणा के बाद रामस्नेही संप्रदाय के भक्तों में काफी हर्ष का माहौल है.
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रामस्नेही संप्रदाय के पांच दिवसीय फूलडोल महोत्सव का शुक्रवार को औपचारिक समापन हो गया है. आज पांचवे दिन भी संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक वाणीजी का थाल शोभायात्रा के रूप में बारादरी पहुंचा. कोरोना के चलते इस बार महोत्सव में बाहर से कोई भी रामस्नेही अनुरागी यहां नहीं पहुंचा. रामनिवास धाम ट्रस्ट पहले ही सभी कार्यक्रम वर्चुअल करने की घोषणा करते हुए कोरोना गाइडलाइन की पालना की सुनिश्चितता कर दी थी. आज महोत्सव के समापन पर संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य रामदयालजी महाराज ने चार्तुमास की अर्जियों के वाचन के बाद अभिजीत मुर्हत में अपना अगला चार्तुमास शाहपुरा में करने की घोषणा की. चार्तुमास की घोषणा होते ही शाहपुरा के भक्तों में उत्साह का संचार हो गया तथा रंग गुलाल खेलकर उन्होंने जुलूस निकाल कर खुशी का इजहार किया.
इस दौरान हर तरफ राम नाम का जयघोष तथा राम नाम का जप दिख रहा था. रामनिवास धाम में यूं तो हर बार महोत्सव में हजारों की तादाद में भक्त पहुंचते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते भक्तों की संख्या काफी कम रही है. उपखंड प्रशासन, नगर पालिका और रामस्नेही संप्रदाय के संयुक्त निर्णय के बाद पालिका की ओर से भी महोत्सव के दौरान कोई कार्यक्रम भी नहीं किया गया. केवल रामनिवास धाम में प्रातकालीन सत्र में आचार्य के प्रवचन, रामधुनि के कार्यक्रम वर्चुअल ही हुए. मुख्यद्वार पर एलइडी लगाकर स्थानीय भक्तों ने बाहर से ही दर्शन कर आत्मिक सुख की अनुभूति की.
फूलडोल महोत्सव का समापन, चार्तुमास शाहपुरा में रामस्नेही संप्रदाय के वार्षिक पांच दिवसीय फूलडोल महोत्सव का समापन शुक्रवार को अपरान्ह में बारादरी में केवल संतो की उपस्थिति में आचार्यश्री रामदयालजी महाराज के चार्तुमास की घोषणा के साथ हुआ. आचार्य श्री रामदयालजी महाराज का आगामी चार्तुमास शाहपुरा में होगा. इससे पूर्व चार्तुमास की विनती करने के लिए अरजियों का वाचन संतों द्वारा किया गया. आचार्य द्वारा चार्तुमास की घोषणा होते ही शाहपुरा के भक्तजनों में उत्साह का संचार व्याप्त हो गया तथा उन्होनें रामनिवास धाम परिसर में आचार्यश्री द्वारा प्रदत्त गोटकाजी की शोभायात्रा निकाल कर अपनी खुशियों का इजहार किया.